हरियाणा में प्रशासन को बेहतर बनाने और जनता की शिकायतों का प्रभावी ढंग से निपटान सुनिश्चित करने की दिशा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी जिला उपायुक्तों को जिला शिकायत समिति (डीजीसी) की बैठकों में शिकायतों के त्वरित समाधान के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में प्रत्येक डीजीसी बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट 24 घंटों के भीतर जारी किया जाना अनिवार्य किया है ताकि बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी सभी संबंधित पक्षों को हो सके और समयबद्ध ढंग से पारदर्शी तरीके से लागू किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को लंबित शिकायतों की जिलेवार सूची संकलित करने के भी निर्देश दिए हैं। इन पर डीजीसी द्वारा निर्णय लिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक लागू नहीं किए गए हैं। इस प्रकार की सूचियां से समाधान प्रक्रिया की निगरानी की जा सकेगी और निर्णयों के क्रियान्वयन में तेजी लाई जा सकेगी। जवाबदेही और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उपायुक्तों को मासिक रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें कार्यान्वयन में किसी भी देरी के कारणों के साथ-साथ अनुमानित समय सीमा की भी जानकारी दर्ज हो।
एक आधिकारिक परिपत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि मुख्य सचिव इन रिपोर्टों की समीक्षा करेंगे। यदि आवश्यक हो तो डीजीसी द्वारा किए गए सभी निर्णयों के त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक सचिवों के स्तर पर भी हस्तक्षेप किया जा सकता है। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि यह सक्रिय दृष्टिकोण मुख्यमंत्री के उत्तरदायी और जवाबदेह शासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।