शहरी हरियाणा के उन व्यापारियों, दुकानदारों के लिए अच्छी खबर है, जिनके पास नगर सुधार मंडलों व नगर पालिकाओं के अलॉटेड बूथ और दुकान हैं। इन्हें डबल स्टोरी एवं बेसमेंट बनाने की छूट होगी। जिन लोगों ने पहले ही निर्माण किया है, वे निर्धारित शुल्क जमा कराकर इसे नियमित करा सकते हैं। पहले से निर्माण करवा चुके लोगों के बूथों, दुकानों पर तलवार लटकी हुई थी। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में पहली मंजिल और बेसमेंट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले से राज्य के हजारों लोगों को फायदा होगा। यहां बता दें कि इससे पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विभिन्न सेक्टरों में बने बूथों में भी पहली मंजिल और बेसमेंट निर्माण की मंजूरी दी जा चुकी है। अब नयी घोषणा के तहत आवेदकों से प्रस्तावित कुल निर्मित क्षेत्र पर 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर का शुल्क लिया जाएगा।
निर्माण से पहले संबंधित अथॉरिटी से परमिशन लेनी होगी और फीस देनी होगी। दरअसल, सरकार ने लोकसभा व विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के अधिकारियों को लोकसभा क्षेत्रवार फीडबैक जुटाने के लिए भेजा हुआ है। इन्हीं प्रतिनिधियों की रिपोर्ट के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से रूबरू मुख्यमंत्री ने कहा कि अनधिकृत निर्माणों को नियमित करने और नगर पालिका सीमा के भीतर नगर पालिकाओं या नगर सुधार मंडलों द्वारा आवंटित एकल स्तरीय बूथ, दुकानों और सर्विस बूथों पर पहली मंजिल या बेसमेंट या दोनों के निर्माण के लिए अनुमति देने के उद्देश्य से नीति बनाई है। बूथ पर मौजूदा अनधिकृत निर्माण के नियमितीकरण के लिए यह नीति 31 मार्च, 2024 तक प्राप्त आवेदनों के लिए प्रभावी रहेगी। पहली मंजिल या बेसमेंट या बूथ के निर्माण के लिए नयी अनुमति समय सीमा से बंधी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति उन नियंत्रित क्षेत्रों पर लागू नहीं होगी, जिनके लिए भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की अनुमति की आवश्यकता होती है। इसमें ‘तहबाजारी’ या ‘खोका’ के तहत दुकानें या पालिकाओं द्वारा आवंटित किसी भी अन्य अस्थायी संरचना को शामिल नहीं किया गया है।
नियम के मुताबिक मौजूदा प्रथम तल या बेसमेंट निर्माण को बिना किसी बदलाव के अनुमति दी जाएगी। पहली मंजिल के निर्माण को पूर्व निर्धारित सीमा के भीतर बूथ की विशेषताओं के अनुरूप अनुमति दी जाएगी।
प्रॉपर्टी आईडी से होगी पहचान
नगर पालिकाएं संपत्ति आईडी के आंकड़ों के मुताबिक सूची बनाएंगी। जहां पहले से निर्माण होंगे उन्हें नियमितीकरण के लिए आवेदन करने को कहा जाएगा। आवेदन ऑनलाइन जमा होंगे। अधिकारी 20 कार्य दिवसों में इनका निपटारा करेंगे। जिनके आवेदनों में कमी मिलेगी उन्हें मानक पूरे करने को 30 दिनों का समय मिलेगा।