वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद के तौर पर दिल्ली में 4 साल बाद कारों की ऑड-ईवन व्यवस्था लौट रही है। यह दिवाली के अगले दिन से लागू कर दी जाएगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन कार योजना लागू की जाएगी। राय ने यह भी कहा कि स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने दिल्ली के सभी स्कूलों में कक्षाओं को बंद करने और केवल ऑनलाइन कक्षाओं को अनुमति देने का फैसला किया है। केवल बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 10वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों पर यह लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश देने पर फैसला बाद में लिया जाएगा।
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह प्रदूषण का स्तर सरकार द्वारा तय सुरक्षित स्तर से सात से आठ गुना अधिक दर्ज किया गया। लगातार सातवें दिन वातावरण में जहरीली धुंध छाई रही। केंद्र ने अपनी वायु गुणवत्ता नियंत्रण योजना ‘ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के अंतिम चौथे चरण के तहत रविवार को सभी आपात उपायों को लागू करने की घोषणा की थी। राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण कार्यों और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर रोक समेत कई पाबंदियां लगायी गयी हैं।
प्रदूषण को लेकर आप और भाजपा में खींचतान
दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण संकट के बीच सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर सोमवार को भी जारी रहा। आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि दिल्ली में वायु प्रदुषण का मुख्य कारण हरियाणा में पराली जलाना है और राज्य में भाजपा सरकार ने पराली जलाने को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। वहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि रविवार को आप शासित पंजाब में 3,000 से अधिक पराली जलाने की घटनाएं हुईं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘राजनीतिक पर्यटन’ में व्यस्त थे। सचदेवा ने कहा, ‘केजरीवाल ने दिल्ली को धुएं के शहर में बदल दिया है। केवल पंजाब में रविवार को पराली जलाने के 3,230 मामले दर्ज किए गए लेकिन केजरीवाल ने चुप्पी साधी हुई है, क्योंकि वहां उनके दल की सरकार है।’