चंडीगढ़, प्रेस की ताकत ब्यूरो- 16 नवंबर 2021
देश पर बाहरी घुसपैठ के समय पंजाब हमेशा खडग़ भुजा बनकर डटा रहा है। इसलिए केंद्र सरकार बजट के वितरण के अलावा पड़ोसी राज्यों को दिए गए विशेष पैकेजों की तरह राज्य को विशेष फंड देने के लिए आर्थिक पक्ष के साथ-साथ सुरक्षा के पक्ष से भी विचारा जाना चाहिए। यह दलील पंजाब के वित्त मंत्री स. मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन के साथ एक ऑनलाइन बातचीत के दौरान की, जिसके दौरान देश में निवेश, बुनियादी ढांचे और विकास को बढ़ावा देने संबंधी चर्चा की गई।
कृषि प्रधान राज्य में औद्योगिक विकास को प्रफुल्लित करने के लिए विशेष पैकेज देने पर विचार करने पर ज़ोरदार ढंग से पैरवी करते हुए वित्त मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि यह सीमावर्ती राज्य भी अपने पड़ोसी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड की तरह विशेष पैकेजों का हकदार है। उन्होंने कहा कि पंजाब के निवासी बहुत मेहनती हैं और पंजाब को सिफऱ् भौगोलिक स्थिति से ही ना विचारा जाए क्योंकि राज्य ने वर्ष 1947, 1962, 1965 और 1971 में देश के लिए लड़ाई लडऩे के अलावा सीमा पार से ‘‘पड़ोसी मुल्कों’’ द्वारा फैलाए गए आतंकवाद के खि़लाफ़ भी दस सालों तक राष्ट्रीय लड़ाई लड़ी है।
वित्त मंत्री ने बताया कि पंजाब को भारत सरकार के समर्थन की ज़रूरत है, क्योंकि राज्य कृषि क्षेत्र में नए युग के बदलाव की चुनौतियों का सामना कर रहा है। श्री बादल ने केंद्रीय वित्त मंत्री से अपील की कि पंजाब को पारम्परिक दो-फ़सलीय चक्र में से निकाल कर अन्य वैकल्पिक फसलों और पशु पालन के धंधे की तरफ मोडऩे के अलावा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार को पी.एल.आई. जैसी योजनाएँ लानी चाहीए हैं। इससे ना सिफऱ् किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी, बल्कि भूजल के संरक्षण में भी मदद मिलेगी और पराली जलाने की समस्या का समाधान किया जा सकेगा, जो देश में एक बार फिर बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
मनप्रीत सिंह बादल ने पंजाब के लिए फार्मा पार्क, फूड पार्क और टेक्स्टाईल पार्क आवंटन करने की माँग की, जो पंजाब की तकदीर बदलने वाले साबित होंगे।
मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि जहाँ तक बिजली उत्पादन का सवाल है, कोयले की खानों से पंजाब की दूरी बहुत ज़्यादा है और यदि संभव हो तो वास्तव में हम बिजली उत्पादन के लिए कोयले के बजाय गैस या सौर ऊर्जा को अपनाना चाहते हैं और हम यदि किसी तरह अपने कोयले से चलने वाले बिजलीघरों को बंद कर दें, तो राज्य में बिजली सस्ती हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब के पास लौजिस्टिक्स और हर पक्ष से बहुत बढिय़ा बुनियादी ढांचा है, परन्तु राज्य के कस्बे पट्टी और मखू, राजपुरा और मोहाली, और ब्यास और कादियाँ के दरमियान रेलवे लिंक की कमी है। उन्होंने कहा, ‘‘आप केंद्रीय बजट के साथ रेलवे बजट पेश करने के समय यदि इस 20-30 किलोमीटर हिस्से को बजट में जगह देते हैं तो पंजाब में रेल संपर्क को और मज़बूती मिलेगी एवं यात्रियों को राजस्थान या गुजरात जाने के लिए अम्बाला के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
तकनीक का प्रयोग करके नागरिकों को उनके दरों पर सेवाएं प्रदान करने के विकल्प तलाशने की अपील करते हुए उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से अपील की कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को जल्द से जल्द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी शुरू करने के लिए कहें, क्योंकि इस प्रोजैक्ट के लिए ज़मीन मुहैया करवाई जा चुकी है। श्री बादल ने 150 करोड़ रुपए के पूँजीगत प्रोजैक्टों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता देने के लिए पंजाब के मामले को मंज़ूरी देने का भी आग्रह किया, जोकि किसी कारण से केंद्र सरकार के स्तर पर रुका हुआ है।