चंडीगढ़, 14 सितंबर (प्रेस की ताकत ब्यूरो)
विद्यार्थियों के सपनों को उड़ान देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बुधवार को अमृतसर में राज्य का पहला ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ प्रदेश वासियों को समर्पित किया। दोनों नेताओं ने कहा, ‘पंजाब में आज शिक्षा के क्षेत्र में नयी क्रांति का आग़ाज़ हो चुका है और यह स्कूल निश्चित रूप से मील के पत्थर साबित होंगे।’दोनों मुख्यमंत्रियों ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब देश का अग्रणी राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस प्रयास से विद्यार्थियों, ख़ास तौर पर गरीब और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को मानक शिक्षा मुहैया करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन स्कूलों से शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थी हर क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर राज्य का नाम रोशन करेंगे। दोनों नेताओं ने कहा कि गरीब विद्यार्थियों के कल्याण के लिए ऐसे और स्कूल खोले जाएंगे। दोनों मुख्यमंत्रियों ने स्कूल में कक्षाओं का दौरा कर विद्यार्थियों के साथ बातचीत भी की।
सरकार के इस कदम के लिए दोनों मुख्यमंत्रियों का आभार जताते हुए 11वीं कक्षा की छात्रा दीक्षा ने कहा कि इससे पहले वह प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी। इस स्कूल में मौजूद सुविधाएं प्राइवेट स्कूलों में भी मौजूद नहीं हैं। एक अन्य छात्रा किरनदीप कौर ने कहा कि वह सरहदी इलाके के एक गांव की निवासी है और उसकी इच्छा डॉक्टर बनने की है। उसने कहा कि कुछ साल पहले इस इच्छा का पूरा हो पाना कठिन लगता था, परन्तु अब उसे विश्वास है कि इस स्कूल के स्वरूप से उसका सपना जल्द ही साकार होगा। दो अन्य विद्यार्थियों आर्यन और सानिया ने कहा कि अति-आधुनिक क्लास रूम और प्रयोगशालाओं वाला स्कूल उनके सपनों का स्कूल है। उन्होंने कहा कि स्कूल की डिजिटल पढ़ाई और अति-आधुनिक बुनियादी ढांचे से वे अपने जीवन में नयी मंजि़ल छू पाएंगे। दोनों मुख्यमंत्रियों ने विद्यार्थियों के माता-पिता के साथ भी विस्तार में बातचीत की। एक सरहदी गांव से सम्बन्धित अमर पाल और तृप्ता रानी ने दोनों नेताओं को बताया कि यह स्कूल सरकारी स्कूलों की तरह लगता ही नहीं।
दोनों मुख्यमंत्रियों ने इस स्कूल के एनसीसी कैडेटों के गार्ड ऑफ ऑनर से सलामी ली। दोनों नेता स्कूल में नये बने बास्केटबॉल कोर्ट में भी गए और राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए शुरू की गई ट्रांसपोर्ट सुविधा की पहली बस को हरी झंडी दिखाई।
इस मौके पर पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस, मुख्य सचिव अनुराग वर्मा, सचिव शिक्षा विभाग के.के. यादव, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत भी उपस्थित थे।