छिंदवाड़ा. ( लिंगा)(भगवानदीन साहू)- सन्त श्री आशारामजी आश्रम लिंगा में साधकों ने 11 वर्ष बाद वैदिक रंग पंचमी मनाई । इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई ने बताया कि वैदिक होलिका दहन और वैदिक धुरेड़ी या रंग पंचमी का अपना महत्व है । पहले के काल मे यह सब केमिकल वाले रंग नही हुआ करते थे । शास्त्र अनुसार पलाश के फूलों का रंग तैयार किया जाता था । पलाश के फूलों के रंग लगाने से कार्लसर्प योग की पीड़ा दूर होती है। साथ ही वात , पित्त और कफ की बीमारियों से छुटकारा मिलता है । होलिका दहन के बाद ऋतु परिवर्तन होता है । ठंड ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु आती है । इस समय बुखार के मरीजों की अधिकता रहती हैं । पलाश के रंगों से होली खेलने से शरीर का तापमान स्थिर रहता है यह वैज्ञानिक शोध है । होलिका दहन के बाद 15 दिनों तक बिना नमक या कम नमक का भोजन करने से पेट के रोगों में भी लाभ मिलता है । भगवान श्री कृष्ण भी द्वापर युग मे पलाश के फूलों के रंगों की होली खेला करते थे । 11 वर्ष बाद देश की न्यायव्यवस्था ने पूज्य बापूजी को उचित इलाज हेतु अंतरिम जमानत दी है । पहली बार न्याय पालिका का रुख सकारात्मक नजर आया । राजनीतिक दबाव या विदेशी षड़यंत्र को नजरअंदाज करते हुए राहत दी । जिसके लिए न्याय व्यवस्था साधुवाद की पात्र है । जिससे करोड़ों करोड़ों साधकों में उत्साह नजर आया है । यह सनातन संस्कृति के रक्षा के हित में है । लिंगा आश्रम के आसपास के हजारों साधकों ने आज वर्षो बाद रंग पंचमी जैसे परम्परागत पर्व को हर्षोल्लास से मनाया । समिति द्वारा सांसद विवेक ( बंटी ) साहू , पूर्व मंत्री मप्र चौधरी चंद्रभान सिह , जिला कलेक्टर शीलेन्द्र सिह , जिला पुलिसअधीक्षक अजय पांडे ,और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के संग वैदिक होली पूरे जिले में चर्चा का विषय रही । इस दैवीय कार्य में साध्वी रेखा बहन , साध्वी प्रतिमा बहन , खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई , समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई , गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर , सुभाष इंगले , रामराव लोखंडे , अशोक कराडे , नारायण ताम्रकार , बबलू माहोरे , विलास घोंघे गोवर्धन मालवीय ,संजू कराडे , तिलक सिह पन्द्राम ,अशोक कराडे ,गुरुकुल के सोमनाथ पावर , ललिता घोगें , प्रीति सोनारे , विमल शेरके ,शकुंतला कराडे आदि ने सहयोग किया ।