चंडीगढ़, 31 जनवरी(प्रेस की ताकत ): पंजाब सरकार के स्कूल शिक्षा व्यवस्था को समय के साथी बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के मूलभूत ढांचे को और मज़बूत करने के लिए राज्य 1294 स्कूलों में 1741 नए क्लासरूम बनाने के लिए 130.75 करोड़ रुपए की रकम मंज़ूर की गई है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज यहाँ बताया कि मंज़ूर हुई अनुदान राशि की पहली किस्त के तौर पर 52.23 करोड़ रुपए की राशि ई-ट्रांसफर के द्वारा जि़लों में भेज दी गई है।
स. बैंस ने कहा कि मान सरकार ने स्वास्थ्य एवं शिक्षा को प्राथमिक क्षेत्र घोषित किया है, जिसके अंतर्गत स्कूलों की इमारतों को शानदार बनाना और हरेक कक्षा के लिए अलग-अलग कमरा मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कार्य किए जा रहे हैं।
स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि जि़ला अमृतसर के 191 स्कूलों के लिए 251 क्लासरूम, जि़ला बरनाला के 27 स्कूलों के लिए 35 क्लासरूम, जि़ला बठिंडा के 48 स्कूलों के लिए 73 क्लासरूम, जि़ला फरीदकोट के 37 स्कूलों के लिए 51 क्लासरूम, जि़ला फतेहगढ़ साहिब के 5 स्कूलों के लिए 6 क्लासरूम, जि़ला फाजि़ल्का के 152 स्कूलों के लिए 221 क्लासरूम, जि़ला फिऱोज़पुर के 72 स्कूलों के लिए 93 क्लासरूम, जि़ला गुरदासपुर के 61 स्कूलों के लिए 75 क्लासरूम, जि़ला होशियारपुर के 81 स्कूलों के लिए 96 क्लासरूम, जि़ला जालंधर के 21 स्कूलों के लिए 25 क्लासरूम, जि़ला कपूरथला के 23 स्कूलों के लिए 28 क्लासरूम, जि़ला लुधियाना के 74 स्कूलों के लिए 126 क्लासरूम, जि़ला मलेरकोटला के 14 स्कूलों के लिए 19 क्लासरूम, जि़ला मानसा के 28 स्कूलों के लिए 37 क्लासरूम, जि़ला मोगा के 17 स्कूलों के लिए 24 क्लासरूम, जि़ला श्री मुक्तसर साहिब के 69 स्कूलों के लिए 96 क्लासरूम, जि़ला पठानकोट के 11 स्कूलों के लिए 11 क्लासरूम, जि़ला पटियाला के 89 स्कूलों के लिए 108 क्लासरूम, जि़ला रूपनगर के 38 स्कूलों के लिए 41 क्लासरूम, जि़ला संगरूर के 46 स्कूलों के लिए 66 क्लासरूम, जि़ला मोहाली के 44 स्कूलों के लिए 68 क्लासरूम, जि़ला शहीद भगत सिंह नगर के 62 स्कूलों के लिए 78 क्लासरूम और जि़ला तरनतारन के 84 स्कूलों के लिए 113 क्लासरूम बनाने के लिए यह राशि स्वीकृत की गई है।
स. बैंस ने कहा कि उनका सपना पंजाब की स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करके इसको विश्व स्तरीय बनाने का है, जिसके पहले पड़ाव के दौरान स्कूलों की इमारतों को शानदार रूप दिया जाएगा।