छिंदवाड़ा( भगवानदीन साहू)- संस्कृत पुस्तकोंन्नति सभा द्वारा संचालित सन्त श्री आशारामजी आश्रम खजरी में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सर्व-पितृ मोक्ष अमावस्या मनाई गई। जिसमें हजारों साधकों ने देश की सीमा पर शहीद हुए सैनिक , ऋषिगण , देवगणों सहित पितरों को तर्पण किया । इस अवसर पर खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई ने बताया कि हम सब पितरों के साथ – साथ देवता , ऋषि – मुनि , और शहीद हुए सैनिकों के ऋणी हैं । उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना ही श्राद्ध है । हमारे पितरों ने हमें शरीर दिया , नाम दिया , गोत्र दिया ही है। उन सब के कल्याण हेतु प्रतिवर्ष यह आयोजन किया जाता है । जिसमें योग्य एवं अनुभवी ब्राह्मणों की व्यवस्था की गई थी । कार्यक्रम में साधको के अलावा जिले के कई प्रतिष्ठित लोगो ने भी भाग लिया । जिले वासियो को वर्ष भर इस कार्यक्रम का इंतज़ार रहता है । श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा जिले के गणमान्य नागरिक , सैनिक एव पत्रकारों के परिवार जनों के शरीर छूट जाने पर समय समय पर श्री मद भगवदगीता के 7 वे अध्याय का पाठ कर पुण्य अर्पण करने की सेवा की जाती हैं जिससे उनकी सदगति हो । यही हमारी सनातन संस्कृति की महत्ता है जीते जी सभी के कल्याण की भावना और शरीर छूट जाए उसके बाद भी अन्य उच्च लोको की यात्रा सुगम हो ।
पूर्ण वैदिक विधि विधान से यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । सभी के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई थी । इस दैवीय कार्य में साध्वी रेखा बहन , साध्वी प्रतिमा बहन , समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई , खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई , गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर , महिला उत्थान आश्रम की संचालिका साध्वी नीलू बहन , पी आर. शेरके , धानाराम सनोडिया , एम. आर. पराड़कर सहित हजारों साधकों ने उपस्थित दर्ज की ।