हरेंद्र रापडि़या/हप्र
सोनीपत
नवरात्र में आजकल देवी पूजन चल रहा है। भक्तगण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घरों के अलावा मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। यहां चर्चा है खेल के क्षेत्र की उन देवियों की, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में मेडल जीत कर न केवल राष्ट्र का गौरव बढ़ाया अपितु इनकी तराशी गई खिलाड़ी भी विजय पताका फहरा रही हैं।
पहले खुद जीते पदक अब पदचिन्हों पर शिष्य
द्रोणाचार्य एवं अर्जुन अवार्डी प्रीतम सिवाच ने भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रहते 1998 एशियन गेम्स में सर्वाधिक गोल किये व सिल्वर मेडल जीता। 1999 के एशिया कप में फिर यही प्रदर्शन दोहरा कर देश को सिल्वर मेडल दिलाया। 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स में तो गोल्ड मेडल जीत लिया। 2002 में दक्षिण अफ्रीका में हुए चैंपियन चैलेंज कप में प्रीतम के शानदार खेल के बूते भारत ने ब्रांज मेडल जीता। पदकों की एक लंबी फेहरिस्त है। उन्होंने सोनीपत में ट्रेिनंग देने की दूसरी पारी शुरू की। उन से ट्रेनिंग पाकर 200 से अधिक लड़कियां राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में नाम रोशन कर चुकी हैं। टोक्यो ओलंपिक 2020 में उनके द्वारा तराशी गई नेहा गोयल, निशा वारसी व शर्मिला ने शानदार प्रदर्शन किया।सोनीपत के गांव खेवड़ा निवासी विजयपाल आंतिल को शुरू से ही खेल का माहौल मिला। डिस्कस थ्रोअर अर्जुन अवार्डी सीमा आंतिल 4 कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 सिल्वर व एक ब्रांज जीत चुकी हैं। 2004, 2012, 2016 और 2020 के ओलंपिक खेलना भी एक अनूठा रिकॉर्ड है। हालांकि वह इनमेंं मेडल से चूक गई थी। हांगझोऊ एशियन गेम्स में उन्होंने 58.62 मीटर का थ्रो लगाकर ब्रांज मेडल जीता। 40 प्लस की उम्र में किसी एथलीट द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीतना भी एक विशिष्ट उपलब्धि है। वह जूनियर एथलीट्स को प्रोत्साहित करती रहती हैं। बकौल सीमा उनमें अभी काफी खेल बचा है और उन्हें पूरा भरोसा है कि आगे भी देश के लिए मेडल जीतेंगी।सोनीपत के गांव मदीना की युवा पहलवान सोनम मलिक ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए हांगझोऊ एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल देश के नाम किया। इससे पहले वह सोफिया में आयोजित जूनियर विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर, कजाकिस्तान में सीनियर एशियन चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीत चुकी हैं। छोटी उम्र में सोनम के नाम अनेक उपलब्धियां हैं। टोक्यो ओलंपिक में मामूली सी गलती की वजह से मेडल से चूकने के बाद अब सोनम अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। सोनम बताती हैं कि अनुभव के साथ उनके खेल में निखार आ रहा है तथा अब उनका अगला लक्ष्य पेरिस ओलंपिक 2024 का गोल्ड है।