Monday, July 28, 2025
Press Ki Taquat
No Result
View All Result
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CAREER
  • EDUCATION
  • DHARAM
  • E-Paper
  • CONTACT US
Advertisement
No Result
View All Result
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CAREER
  • EDUCATION
  • DHARAM
  • E-Paper
  • CONTACT US
No Result
View All Result
Press Ki Taquat
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home ENTERTAINMENT

रक्षाबधंन पर पढ़ें पौराणिक कथा: माता लक्ष्मी ने सबसे पहले बांधी थी राजा बलि को राखी

admin by admin
in ENTERTAINMENT, HARYANA, INDIA, PUNJAB, WORLD
Reading Time: 1 min read
A A
0
रक्षाबधंन पर पढ़ें पौराणिक कथा: माता लक्ष्मी ने सबसे पहले बांधी थी राजा बलि को राखी
ADVERTISEMENT
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link

रफतार न्यूज डेस्क: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज कहते हैं कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता लक्ष्मी ने राजा बलि को सबसे पहले राखी बांधी थी। एक बार राजा बलि ने 100 यज्ञ पूरा करके स्वर्ग पर आधिपत्य का प्रयास किया, इससे इंद्र डर गए। वे भगवान विष्णु के पास गए और उनसे रक्षा का निवेदन किया। तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया।
वे वामन अवतार में राजा बलि के पास गए और भिक्षा में तीन पग जमीन मांगी। बलि ने उनको तीन पग देने का वचन दिया। तब भगवान विष्णु ने दो पग में पूरी पृथ्वी नाम दी। यह देखकर राजा बलि समझ गए कि यह वामन व्यक्ति कोई साधारण नहीं हो सकता है। उन्होंने अपना सिर आगे कर दिया। यह देखकर भगवान विष्णु राजा बलि से प्रसन्न हुए और उनसे वर मांगने को कहा। साथ ही बलि को पाताल लोक में रहने को कहा।
तब राजा बलि ने कहा कि हे प्रभु! पहले आप वचन दें कि जो वह मांगेंगे, वह आप उनको प्रदान करेंगे। उनसे छल न करेंगे। भगवान विष्णु ने उनको वचन दिया। तब बलि ने कहा कि वह पाताल लोक में तभी रहेंगे, जब आप उनके आंखों के सामने हमेशा प्रत्यक्ष रहेंगे। यह सुनकर विष्णु भगवान दुविधा में पड़ गए। उन्होंने सोचा कि राजा बलि ने तो उनको पहरेदार बना दिया।
अपने वचन में बंधे भगवान विष्णु भी पाताल लोक में राजा बलि के यहां रहने लगे। इधर माता लक्ष्मी विष्णु भगवान का इंतजार कर रही थीं। काफी समय बीतने के बाद भी नारायण नहीं आए। इसी बीच नारद जी ने बताया कि वे तो अपने दिए वचन के कारण राजा बलि के पहरेदार बने हुए हैं। माता लक्ष्मी ने नारद से उपाय पूछा, तो उन्होंने कहा कि आप राजा बलि को भाई बना लें और उनसे रक्षा का वचन लें।
तब माता लक्ष्मी ने एक महिला का रूप धारण किया और राजा बलि के पास गईं। रोती हुई महिला को देखकर बलि ने कारण पूछा। उन्होंने कहा कि उनका कोई भाई नहीं है। इस पर बलि ने उनको अपना धर्म बहन बनाने का प्रस्ताव दिया। जिस पर माता लक्ष्मी बलि को रक्षा सूत्र बांधीं और रक्षा का वचन लिया। दक्षिणा में उन्होंने बलि से भगवान विष्णु को मांग लिया।
इस प्रकार माता लक्ष्मी ने बलि को रक्षा सूत्र बांधकर भाई बनाया, साथ ही भगवान विष्णु को भी अपने दिए वचन से मुक्त कराया।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज कहते हैं कि द्वापर युग में शिशुपाल राजा का वध करते समय भगवान श्री कृष्ण के बाएं हाथ से खून बहने लगा तो द्रोपदी ने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ की अंगुली पर बांध दिया। कहा जाता है कि तभी से भगवान कृष्ण द्रोपदी को अपनी बहन मानने लगे और सालों के बाद जब पांडवों ने द्रोपदी को जुए में हरा दिया और भरी सभा में जब दुशासन द्रोपदी का चीरहरण करने लगा तो भगवान कृष्ण ने भाई का फर्ज निभाते हुए उसकी लाज बचाई थी। मान्यता है कि तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाने लगा जो आज भी बदस्तूर जारी है। श्रावण मास की पूर्णिमा को भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज कहते हैं कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे एक कथा प्रचलित है। त्रेता युग में लंका के राजा रावण ने अपनी बहन से भद्रा के समय ही राखी बंधवाई थी। भद्राकाल में राखी बाधने के कारण ही रावण का सर्वनाश हुआ था। इसी मान्यता के आधार पर जब भी भद्रा लगी रहती है उस समय बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी नहीं बांधती है। इसके अलावा भद्राकाल में भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं इस कारण से भी भद्रा में शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज कहते हैं कि एक अन्य मान्यता के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन है। भद्रा शनिदेव की तरह उग्र स्वभाव की हैं। भद्रा को ब्रह्मा जी ने श्राप दिया कि जो भी भद्राकाल में किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करेगा उसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी। भद्रा के अलावा राहुकाल में भी किसी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। शास्त्रों में रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा रहित समय में करने का विधान है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज के अनुसार राखी को सही समय पर सही विधि से बांधना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके बैठाना चाहिए। इसके बाद बहन को अच्छे से पूजा की थाली सजानी चाहिए। पूजा की थाली में चावल, रौली, राखी, दीपक होना चाहिए। इसके बाद बहन को भाई के अनामिका उंगली से टीका कर चावल लगाने चाहिए। अक्षत अखंड शुभता को प्रदर्शित करते हैं। उसके बाद भाई की आरती उतारनी चाहिए और उसके जीवन की मंगल कामना करनी चाहिए। कई जगह बहनें इस दिन अपने भाई की सिक्के से नजर भी उतारती हैं।

RelatedPosts

देशभर के हजारों विद्यार्थी शिविर से लाभान्वित

देशभर के हजारों विद्यार्थी शिविर से लाभान्वित

0
हरियाली तीज

हरियाली तीज

0
गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के संचालन की प्रक्रिया को मिलेगी गति- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के संचालन की प्रक्रिया को मिलेगी गति- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

0
चेयरमैन ने स्कूलों में निरीक्षण के दौरान की सभी व्यवस्थाओं की जांच

चेयरमैन ने स्कूलों में निरीक्षण के दौरान की सभी व्यवस्थाओं की जांच

0
आज का पंचांग 20 सितंबर 2024

आज का पंचांग

0
मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की स्थिति फिलहाल थोड़ी बेहतर है।

मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की स्थिति फिलहाल थोड़ी बेहतर है।

0
ADVERTISEMENT
Post Views: 223
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link
Tags: 2 Saints Found Dead in Temple in UP's Bulandshahr2 saints murdered with sharp weaponsacharya mahamandaleshwar prakashanand ji maharajAuspicious Time & RakshasutraBaba Kali Dass Ji Maharaj PakhokeBaba kalidas dham samplaBaba Kalidas Mandir Sampla RohtakBrahmalin Swami Prakashanand Ji Maharaj Murdered: Latest NewsJagat Guru Pujya Prakashanand Jikalidas maharaj jiKilling Of Sadhu In TempleKilling Of SadhusMahamandleswar Swami PaRkashanand Ji Maharajmurder news two saints killedPhotos and Videos on HINDU MAHATMA MurderedPrakashanand SaraswatiPt Kalidas Ji MaharajRakhi Festival Hindu PanchangRakhi muhurat timing| Raksha Bandhan 2020Raksha Bandhan 2020 DateRaksha Bandhan 2020 Date and good bad TimeRaksha Bandhan 2020 Date and TimeRaksha Bandhan 2020 date shubh muhurat tithiRaksha Bandhan 2020 MuhuratRaksha Bandhan 2020 Shubh Muhurat Timingraksha bandhan good and bad timing 2020Raksha Bandhan Mantra Archivesraksha bandhan raksha bandhan date 2020 rakhi bandhanRakshabandhanRevealing Of Killing Of SadhuSAINTS MURDERED LATEST NEWSShubh Muhurat to Tie Rakhistory of raksha bandhanSubh raksha bandhanSwami Anant Shyam Devswami prakashanand ji maharajwhen is Raksha Bandhan 2020 Muhurat Rakhi date tithiWho is responsible for killing saints?आचार्य महामंडलेश्वर श्री प्रकाशानंद महाराजआचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद जी महाराज आचार्य महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी प्रकाशानंद जी महाराजकालिदास सन्मान पुरस्कारकाली दास महाराज काली दास महाराज का डेरा रोहतक जिले के सांपला में हैबाबा कलिदास आश्रम सैम्पलरक्षा बंधन 2020रक्षा बंधन 2020 | राखी का शुभ मुहूर्त और महत्त्वरक्षाबंधन 2020 : इस बार कब बंधेगी राखीरक्षाबंधन 2020 तिथि शुभ मुहूर्तरक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का टाइम कब से शुरू होगा / RAKSHABANDHAN KE DIN RAKHI BANDHNE KA TIMEराखी 2020राखी टाई टाइमिंगशुभ मुहूर्तशुभ मुहूर्त और राखीश्री मज्जगदगुरु रामानुजाचार्य परम पूज्य स्वामी श्री अनंत श्याम देवाचार्य जी महाराजश्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंदश्री श्री 1008 बाबा कालिदास जी महाराजश्री श्री 1008श्री कालीदास जी महाराजसंत कालिदाससंत कालिदास महाराज जी का आशीर्वादसद्गुरु कालिदास जी महाराज नाथ सम्प्रदायसांपला के बाबा कालिदास धामस्वामी प्रकाशानंद जी महाराज
Previous Post

ध्यान रखें: भद्रा में नहीं बांधी जाती राखी, पढ़ें राखी बांधने का अशुभ तथा शुभ मुहूर्त

Next Post

सावन का पांचवां तथा आखिरी सोमवार: शिव की आराधना करने से मिलेगी ग्रहों से मुक्ति

Related Posts

देशभर के हजारों विद्यार्थी शिविर से लाभान्वित
INDIA

देशभर के हजारों विद्यार्थी शिविर से लाभान्वित

0
हरियाली तीज
BREAKING

हरियाली तीज

0
गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के संचालन की प्रक्रिया को मिलेगी गति- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
BREAKING

गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के संचालन की प्रक्रिया को मिलेगी गति- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

0
चेयरमैन ने स्कूलों में निरीक्षण के दौरान की सभी व्यवस्थाओं की जांच
BREAKING

चेयरमैन ने स्कूलों में निरीक्षण के दौरान की सभी व्यवस्थाओं की जांच

0
आज का पंचांग 20 सितंबर 2024
BREAKING

आज का पंचांग

0
मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की स्थिति फिलहाल थोड़ी बेहतर है।
BREAKING

मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की स्थिति फिलहाल थोड़ी बेहतर है।

0
Next Post
सावन का पांचवां तथा आखिरी सोमवार: शिव की आराधना करने से मिलेगी ग्रहों से मुक्ति

सावन का पांचवां तथा आखिरी सोमवार: शिव की आराधना करने से मिलेगी ग्रहों से मुक्ति

Press Ki Taquat

© 2023 presskitaquat.com - Powered by AMBIT SOLUTIONS+917488039982

Navigate Site

  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CAREER
  • EDUCATION
  • DHARAM
  • E-Paper
  • CONTACT US

Follow Us

No Result
View All Result
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • CAREER
  • EDUCATION
  • DHARAM
  • E-Paper
  • CONTACT US

© 2023 presskitaquat.com - Powered by AMBIT SOLUTIONS+917488039982