पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कोटकपूरा गोलीकांड में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, पुलिस अधिकारी परमराज सिंह उमरानंगल और तीन अन्य को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर ‘अकारण गोलीबारी’ से जुड़े मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत दे दी।
खुली अदालत में आदेश सुनाते हुए जस्टिस अनूप चितकारा ने फैसला सुनाया कि यह प्री-ट्रायल कैद का मामला नहीं है। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सहित सभी आरोपियों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 173 के तहत पुलिस द्वारा अंतिम जांच रिपोर्ट दाखिल करने के बाद फरीदकोट के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद याचिकाकर्ताओं ने अदालत का रुख किया था। आरोपों में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की साजिश शामिल थी।
जस्टिस चितकारा ने इस बात पर जोर दिया कि, याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला होने के बावजूद विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का विकल्प चुना, इसके बजाय उन्हें हिरासत में लिए बिना पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने का विकल्प चुना। याचिकाकर्ताओं ने गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए सत्र न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था।