अम्बाला,11 मार्च(जगदीप सिंह):- भारतीय पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल एवं स्टाफ के आग्रह पर स्वामी राजेश्वरानंद जी अम्बाला छावनी में आयुर्वेद के रहस्यों को सरल शब्दों में समझाने के लिए पहुंचे उनका स्वागत स्कूल के प्रिंसिपल मनीश जैन एवं वायस प्रिंसिपल रश्मि गुप्ता ने बुकके देकर सम्मानित किया उनके साथ कोफॉउंडर सुनील गर्ग जी एवं के एल छाबड़ा जी को भी बुकके देकर सम्मानित किया गया स्वामी जी आयुर्वेद की परिभाषा पर बोलते हुए कहा कि हम सब जानते है आयर्वेद भारत का सबसे प्राचीन केंद्र हैं लेकिन आज हम छोटी हो या बड़ी बीमारी उसके लिए हम ऐलोपैथिक दवाओं का सेवेन कर रहे जो कि हमारे शरीर को खराब करती हैं ऐलोपैथिक दवाओं में केमिकल के अलावा स्टारराइड जैसे जहर है उनके सेवेन से फायदा नहीं मिल सकता है अगर शुगर ( मधुमेह ) हो जाए तो सारी उम्र दवाओं का सेवन करना पड़ता है लेकिन आयर्वेद में ऐसी बीमारियों को जड़ से ठीक किया जाता है अगर हम अपने को जान लें तो फिर कभी बीमार नहीं हो सकते भोजन किस प्रकार का खाना है ओर हम किस पर्वती के है इसे जानकर ही स्वस्थ रह सकते स्वामी जी के बताया कि हम कोई भी सब्जी , फल ताजा खाते हैं फिर पुरानी जड़ी बूटियों किस लिए ले रहे है अगर हम ताजा स्वरस लेंगे तो हमारी बीमारी जड़ से खत्म हो जाएगी अगर किसी पंसारी से पुरानी जड़ी बूटी लेंगे जिसका हमें पता ही नहीं इसकी उम्र खत्म कब हो गई हैं तो फिर उसके हमें कभी लाभ नहीं मिलेगा आए हुए अघ्यापक गन ने स्वामी जी के प्रवचनों को बहुत ही धैर्य पूर्वक सुना आयुर्वेद के रहस्यों को जाना सभी ने उनका धन्यवाद किया स्वामी जी को प्रिंसिपल मनीश जैन ने पुस्तक देकर उन्हें सम्मानित किया इस अवसर पर उनके साथ कोफॉउंडर सुनील गर्ग जी , सतयुग दर्शन ट्रस्ट के ट्रस्टी के एल छाबड़ा , प्रवक्ता जगदीप सिंह , प्रभंधक विनोद कुमार , पवन कुमार , सुरिंद्र सिंह लाम्बा उपस्थित रहे।