Friday, August 22, 2025

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ट्रिप्पल इंजन की सरकार बनाकर तीन गुणा तेज गति से होगा प्रदेश का विकास- नायब सिंह सैनी

ट्रिप्पल इंजन की सरकार बनाकर तीन गुणा तेज गति से होगा प्रदेश का विकास- नायब सिंह सैनी

चंडीगढ, 22 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ट्रिप्पल इंजन की सरकार बनने के बाद प्रदेश में ...

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष उठाया हरियाणा के पानी का मुद्दा

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष उठाया हरियाणा के पानी का मुद्दा

चंडीगढ़, 21 फरवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष हरियाणा के हितों की बात करते हुए कहा कि 30 जनवरी 1987 को रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय जल्द से जल्द लिया जाए, ताकि हमारे न्यायोचित हिस्से का पानी हमें शीघ्र मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह बात रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के दौरे के दौरान हुई बैठक में कही। श्री नायब सिंह सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री विनीत सरन, सदस्य न्यायमूर्ति श्री पी. नवीन राव और श्री सुमन श्याम का हरियाणा की 2 करोड 80 लाख जनता की और से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी 1987 को रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण ने अपनी रिपोर्ट दी थी। उस दिन से आज तक हरियाणा का हर बच्चा, नवयुवक और बुजुर्ग इस विषय में अंतिम निर्णय आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आशा है कि न्यायाधिकरण इस सम्बंध में अवश्य ही विवेकपूर्ण निर्णय लेगा, जिसकी पूरे भारतवर्ष में प्रशंसा होगी। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण न केवल भारत की चिंता है, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। इसके लिए जल संरक्षण की योजनाएं बनानी होंगी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की योजनाएं बनाई थी, जिसे आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने भी नदियों को जोड़ने के लिए रूपरेखा बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के हक में फैसला भी दिया गया है, लेकिन फिर भी अभी तक पंजाब की ओर से हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि हम लगातार कई मंचों से कह चुके हैं कि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए, लेकिन पंजाब सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही एसवाईएल के विषय का समाधान होगा। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग अग्रवाल, हरियाणा व पंजाब के महाधिवक्ता भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में हुए  समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में हुए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

चंडीगढ़, 19 फरवरी – हरियाणा सरकार द्वारा बागवानी को बढ़ाने की दिशा में एक अग्रणी कदम उठाते हुए, बागवानी फसलों के लिए हरियाणा-यूके सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन सस्टेनेबल क्रॉप पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट एंड कोल्ड चेन स्थापित करने के लिए बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पंचकूला में स्थापित होने वाले इस अत्याधुनिक केंद्र का उद्देश्य खेत से उपभोक्ता तक बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता और ताजगी को बनाए रखते हुए कटाई के बाद होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम करना है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। हरियाणा सरकार की ओर से समझौता ज्ञापन पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू ने हस्ताक्षर किए, जबकि विश्वविद्यालय की ओर से बर्मिंघम विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर (अंतर्राष्ट्रीय) प्रोफेसर रॉबिन मैसन ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत का खाद्यान्न भंडार होने के कारण हरियाणा तेजी से ताजे फलों और सब्जियों के उत्पादन में विविधता ला रहा है। इस विस्तार के लिए कोल्ड चेन के प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता है ताकि इस बागवानी क्षेत्र में कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र गुणवत्ता सुनिश्चित करने, बर्बादी को कम करने और हरियाणा में कृषि समुदाय का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उत्कृष्टता केंद्र एक छत के नीचे एक व्यापक अनुसंधान और परीक्षण केंद्र के रूप में काम करेगा, जो फलों और सब्जियों के कटाई के बाद के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। यह सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (सीसीएस एचएयू), हिसार और महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण अनुसंधान और परीक्षण सेवाएं भी प्रदान करेगा, जिससे उन्हें कटाई के बाद के प्रबंधन और कोल्ड चेन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अध्ययन और प्रयोग करने में मदद मिलेगी। हरियाणा-यूके सेंटर ऑफ एक्सीलेंस  के प्रमुख उद्देश्यों में दिशा-निर्देश और प्रोटोकॉल विकसित करके कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना, बागवानी उत्पादों के लिए कुशल कोल्ड चेन सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करके और प्रगति का समर्थन करके कोल्ड चेन नवाचारों को बढ़ावा देना, कोल्ड चेन प्रौद्योगिकियों के लिए इनक्यूबेशन समर्थन प्रदान करके तकनीकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना, ऊर्जा-कुशल कोल्ड चेन समाधानों पर अत्याधुनिक अनुसंधान और टिकाऊ व्यापार मॉडल के विकास के माध्यम से टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना और बागवानी उपज की बर्बादी को रोकने के उद्देश्य से कोल्ड-चेन प्रथाओं और कटाई के बाद के प्रबंधन (पीएचएम) के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय ढांचा स्थापित करना शामिल है। मुख्य शोध गतिविधियों के अलावा, केंद्र व्यवसायों और किसानों के लिए प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और ऊष्मायन सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे उन्हें तेजी से विकसित हो रहे कृषि परिदृश्य में अनुकूलन और विकास करने में मदद मिलेगी। हरियाणा सरकार ने CoE-SPMCC के विकास के लिए पंचकूला के सेक्टर 21 में बागवानी निदेशालय से सटी 15 एकड़ जमीन आवंटित की है। केंद्र में एक प्रशिक्षण केंद्र, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन क्षेत्र, परीक्षण केंद्र और प्रौद्योगिकी ऊष्मायन केंद्र होगा। इस सहयोग से, हरियाणा फसल कटाई के बाद टिकाऊ प्रबंधन और कोल्ड चेन प्रथाओं में एक बेंचमार्क स्थापित करने के लिए तैयार है, जो खाद्य अपशिष्ट को कम करने और बागवानी खेती की लाभप्रदता और स्थिरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ पंचकूला में केंद्र के विकास में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए यूके और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के एक संघ का नेतृत्व कर रहे हैं। इस संघ में हेरियट-वाट विश्वविद्यालय, क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय, लंदन साउथ बैंक विश्वविद्यालय और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) शामिल हैं। इस सहयोगात्मक प्रयास ने केंद्र के डिजाइन और स्थापना को प्रेरित किया है, जिसमें बर्मिंघम विश्वविद्यालय ऊर्जा और शीतलन, ऊर्जा संक्रमण और भंडारण के लिए लचीले सिस्टम दृष्टिकोण और इन प्रौद्योगिकियों के सामाजिक प्रभावों को समझने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, बागवानी विभाग के प्रमुख डॉ. अर्जुन सिंह सैनी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

विकसित भारत बनाने में युवाओं का होगा अहम योगदानः नायब सिंह सैनी

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चंडीगढ़, 18 फरवरी - हरियाणा के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के ...

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हिसार में आयोजित तीन दिवसीय कृषि दर्शन प्रदर्शनी का किया शुभारम्भ

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चंडीगढ़ 15 फरवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कृषि ट्रैक्टरों के सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियम) ...

हरियाणा मंत्रिमंडल ने ग्रुप ए और बी की भर्ती के लिए आधार प्रमाणीकरण को दी मंजूरी

चंडीगढ़, 28 दिसंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ...

मुख्यमंत्री ने दयालु योजना के तहत प्रदेश के 3882 परिवारों के खातों में डिजिटल माध्यम से जारी किये 144.73 करोड़ रुपये

चंडीगढ़, 27 दिसंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-I) के तहत 3,882 लाभार्थियों ...

भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की पार्टी महासचिवों संग बैठक, दिल्ली में हुई मीटिंग

कुरुक्षेत्र में यातायात की भीड़ कम करने के लिए बनेगा बाईपास – मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 11 दिसंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कुरुक्षेत्र बाईपास के निर्माण ...

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