जी20 देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए अपनी विधायिका, बजटीय और निरीक्षण कार्यों का उपयोग करने का शुक्रवार को संकल्प लिया। यहां पार्लियामेंट-20 (पी20) शिखर बैठक में स्वीकृत किये गये एक संयुक्त बयान में उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की। इसमें विदेशी लोगों को पसंद न करने की प्रवृत्ति (ज़ेनोफोबिया), नस्लवाद और असहिष्णुता के अन्य रूपों या धर्म अथवा आस्था के आधार पर आतंकवाद भी शामिल है। संयुक्त बयान में कहा गया कि आतकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है।