सरकारी अस्पतालों में किये जाते डोप टैस्टों में अनियमितता का लिया गंभीर नोटिस
चंडीगढ़, 26 जुलाई(प्रेस की ताकत ब्यूरो)
सूबे में हथियार लाइसेंस जारी करने और इसको रिन्यू करवाने के लिए जरूरी डोप टैस्ट की प्रक्रिया में बेनियमियां पाई जाने से एक दिन बाद पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज अलग-अलग कदम उठाने की सिफ़ारिश की है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि किसी भी अयोग्य या नशीले पदार्थों का प्रयोग करने वाले व्यक्ति को हथियार लाइसेंस जारी न हो।
विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि विजीलैंस की टीमें की ओर से मंगलवार को राज्यभर के सरकारी अस्पतालों की की गई अचानक चैकिंग दौरान डोप टैस्ट करने की प्रक्रिया में कुछ बेनियमियों और ख़ामियां पाई गई थीं जैसे डोप टैस्ट वाले रजिस्टर में डोप टैस्ट करवाने वाले व्यक्ति की फोटो नहीं था और रजिस्टर पर पेज नंबर भी नहीं दर्शाये हुए थे। इस के इलावा यह भी सामने आया थे कि डोप टैस्ट की रिपोर्टों से सम्बन्धित व्यक्तियों को हाथों-हाथ मुहैया करवाई जा रही थीं जबकि रिपोर्ट सम्बन्धित व्यक्ति को दस्ती नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि डोप टैस्ट की प्रक्रिया में डालीं गई इन बेनियमियों के बाद, पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा डोप टैस्ट की प्रक्रिया को और मज़बूत तथा कारगर बनाने के लिए उच्च आधिकारियों को पत्र लिखा जायेगा जिससे डोप टैस्ट के गुणवत्ता को कायम रखा जा सके।
इस लिए विजीलैंस ने सुझाव दिए कि डोप टैस्ट रिपोर्ट की कापी सम्बन्धित अस्पताल के रिकार्ड में रखी जानी चाहिए और डोप टैस्ट के लिए डाक्टरों और टैकनीशियनें को रोटेशन में तैनात किया जाना चाहिए जिससे इस प्रक्रिया में किसी भी एजेंट की श्मूलियत से बचा जा सके।
विजीलैंस ने यह भी सुझाव दिया है कि डोप टैस्ट रजिस्टर को रोज़मर्रा चैक किया जाये और सीनियर आधिकारियों की तरफ से बाकायदा इस पर दस्तख़त किये जाएँ। यह भी कहा है कि व्यक्ति को पिशाब के नमूनो के लिए भेजने से पहले उसकी अच्छी तरह तलाशी के लिए जाये और इस प्रक्रिया की वीडीओग्राफी भी यकीनी बनाई जाये।
इस के साथ ही विजीलैंस ने सुझाव दिया है कि डोप टैस्ट की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाये और नमूने लेने के लिए बाथरूम को लैबाटरी के नज़दीक बनाया जाये। हथियार लाइसेंस, नई भर्ती और जेल कैदियों के डोप टैस्ट संबंधी अलग रजिस्टर लगाए जाएँ। डोप टैस्ट रजिस्टरों की रख-रखाव के लिए सिफऱ् रेगुलर सरकारी कर्मचारियों को ही तैनात किया जाये जिससे लापरवाही की सूरत में संबंधित कर्मचारी की जि़म्मेदारी तय की जा सके।
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