जल संसाधन मंत्री द्वारा मुनक क्षेत्र में घग्गर नदी का निरीक्षण
मुख्यालय एवं प्रत्येक जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित
फील्ड स्टाफ संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के साथ अलर्ट के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ कर रहा है समन्वय
मूनक (संगरूर)/चंडीगढ़, 11 जुलाई २०२३ (प्रेस की ताकत ब्यूरो )
पहाड़ी इलाकों और पंजाब में लगातार हो रही बारिश के कारण जलाशयों में बढ़े जलस्तर के कारण किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
यह बात जल संसाधन मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज जमीनी स्तर पर स्थिति का पता लगाने के लिए खनौरी-मूनक क्षेत्र में घग्गर नदी में जल स्तर का जायजा लेते समय कही। जल संसाधन मंत्री ने उपायुक्त जितेन्द्र जोरवाल एवं एस.डी.एम. सूबा सिंह सहित विभाग के अधिकारियों के साथ मूनक-टोहाना पुल और मकरोड़ साहिब का दौरा किया।
मीत हेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर जल संसाधन विभाग की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है। विभाग के सभी अधिकारी/कर्मचारी जहां फील्ड में तैनात हैं, वहीं वह खुद भी जमीनी स्तर पर हालात का जायजा ले रहे हैं। मुख्यालय स्तर पर पहले ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा चुका है। इसके अलावा हर जिले में भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गये हैं। सभी फील्ड अधिकारियों को जलस्तर एवं पानी छोड़े जाने की सूचना तत्काल दी जा रही है ताकि वे संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को सचेत कर सकें।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा मानसून सीजन के पहले ही बाढ़ रोकथाम के कार्य किए गए हैं और आगे की स्थिति के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि संगरूर जिले में करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से काम किये गये हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक बांधों का सवाल है, बांधों के अधिकतम स्तर तक संतोषजनक बफर उपलब्ध है। जिला सिविल और पुलिस प्रशासन तत्परता से जमीनी स्तर पर दौरा कर पूरी स्थिति का जायजा ले रहा है। विभाग के एक्सियन, एसडीओ और जेई जैसे फील्ड स्टाफ को पहले ही बता दिया गया है और वे संवेदनशील स्थानों पर नजर रख रहे हैं। मैदानी अमला जिला प्रशासन के साथ पूर्ण समन्वय में है।
मीत हेयर ने लोगों से अपने संबंधित जिलों के उपायुक्त कार्यालय से संपर्क करने की भी अपील की है ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें बाहर निकाला जा सके। विभाग के कर्मचारियों को रात की चौकसी के साथ-साथ खेतों की निगरानी करने को भी कहा गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए खाली सीमेंट बैग तैयार रखने जैसे तत्काल उपाय पहले ही निर्देशित किए जा चुके हैं