अमृतसर: इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट का घोटाला मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि नगर निगम अमृतसर में पी.एफ. घोटाला सामने आ गया है। घोटाले में शक की सूई सीधे एक महिला क्लर्क की तरफ है। पिछले दिनों पी.एफ. घोटाले को लेकर निगम कमिश्नर सोनाली गिरि के पास इस संबंधी शिकायत पहुंची जिस पर उनके द्वारा तुरंत ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा के अंतर्गत 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया जिसमें एस.ई. ओ. एंड एम. अनुराग महाजन, डी.सी.एफ.ए. मनु शर्मा व अश्विनी भगत शामिल हैं। निगम कर्मचारियों को लंबे समय से न तो समय पर वेतन मिल रहा था और न ही एल.आई.सी. की किस्तें एवं न ही पी.एफ. की राशि खातों में जमा हो रही थी। एक क्लर्क द्वारा कर्मचारियों के पी.एफ. के लगभग 9 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए गए। इसकी भनक जब निगम कर्मचारियों को लगी तो बात सारे निगम में आग की तरह फैल गई जिससे सारे निगम में हड़कंप मच गया। निगम कर्मचारियों ने कहा कि एक तरफ वे पैसे-पैसे के लिए मोहताज हुए बैठे थे और रोजाना धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं, दूसरी तरफ घोटाला करने वाले कर्मी घोटाले के पैसे से ऐश कर रहे हैं। पिछले दिनों रिटायरमैंट का एक चैक काटा गया तो उस समय एक 9 लाख की एंट्री रजिस्टर पर और दिखाई दी। अकाऊंट्स डिपार्टमैंट में पूछा गया कि यह लगभग 9 लाख की राशि का चैक किस का कटा है। उस पर जिस क्लर्क का नाम लिखा था वह क्लर्क आफिस में मौजूद नहीं थी। तब निगम कर्मी ने छानबीन करनी शुरू की। छानबीन के बाद साफ हो गया कि 9 लाख रुपए के लगभग क्लर्क के अपने खाते में गए हैं। इस बात को अकाऊंट्स विभाग ने काफी दबाना चाहा लेकिन पी.एफ. की रकम कर्मचारियों की थी जिससे बात दब न सकी और सारी बात कमिश्नर तक पहुंच गई जिस पर एक कमेटी गठित की गई है। क्या अकेली महिला क्लर्क ने ही यह सब कुछ किया है? कब से ऐसा चलता आ रहा है? क्या कोई अधिकारी भी इसमें मिला हुआ है।