नई दिल्लीः जी.एस.टी. कलैक्शन में कमी के बाद वित्त वर्ष 2017-18 में वित्तीय घाटा टारगेट से ज्यादा होने की आशंकाओं से सरकार घबरा गई है। इसके मद्देनजर सरकार चालू वित्त वर्ष 2017-18 में 50,000 करोड़ रुपए उधार लेगी। जनवरी से मार्च के बीच यह अतिरिक्त उधार लिया जाएगा, जिससे देश का राजकोषीय घाटा और बढ़ जाएगा। सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि जनवरी से मार्च के बीच गवर्नमैंट सिक्योरिटीज से 50 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त उधार लिया जाएगा। यानी कि जी.एस.टी. पर कमाई घट गई है और इसकी भरपाई सरकार उधार लेकर करेगी।
सरकार की वित्तीय स्थिति तंग होने के साथ सरकार के मार्च 2018 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए तय जी.डी.पी. के 3.2 प्रतिशत वित्तीय घाटे के टारगेट से चूकने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। अप्रैल-अक्तूबर के बीच वित्तीय घाटे का आंकड़ा पूरे साल के टारगेट का 96.1 प्रतिशत हो चुका है।
आंकड़ों के मुताबिक टैक्स कलैक्शन में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई। नवम्बर में जी.एस.टी. कलैक्शन घटकर 80,808 करोड़ रुपए रह गई जबकि अक्तूबर में यह आंकड़ा लगभग 83 हजार करोड़ रुपए था। 25 दिसम्बर तक नवम्बर का कुल जी.एस.टी. कलैक्शन 80,808 करोड़ रुपए रहा था और 53.06 लाख रिटर्न फाइल किए गए। नवम्बर में 7,798 करोड़ रुपए कम्पन्सेशन सैस के रूप में आए।