जालंधर: पंजाब सरकार द्वारा केंद्र को बार-बार उधार लेने की सीमा को बढ़ाने के किए गए आग्रह का केंद्र पर असर हो गया है तथा उसने अमरेन्द्र सरकार के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। केंद्र ने पंजाब सरकार को हर वर्ष 3240 करोड़ की राशि और उधार लेने की मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्र सरकार से कहा था कि किसानों का ऋण माफ करने के लिए उसकी उधार लेने की सीमा को बढ़ाया जाए ताकि किसानों के ऋण माफी की प्रक्रिया को शुरू किया जा सके। केंद्र ने अभी राज्य से संबंधित 31,000 करोड़ की राशि बारे फैसला लेना है जोकि खाद्यान्न घोटाले से जुड़ी हुई है।राज्य द्वारा इसके बदले हर महीने 270 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा रहा है। इस राशि को पंजाब पर लम्बित ऋण के रूप में केंद्र द्वारा दिखाया जा रहा है। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली दोनों से मुलाकात के दौरान खाद्यान्न घोटाले की राशि बारे तुरंत निर्णय लेने की गुहार लगाई हुई है।सूत्रों ने बताया कि पंजाब सरकार ने किसान ऋण माफी के लिए 4200 करोड़ रुपए का प्रबंध कर लिया है। राज्य में किसानों का कुल ऋण माफ करने के लिए 10,000 करोड़ रुपए की जरूरत है।
राज्य सरकार ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें ऋण माफी स्कीम पर चर्चा की जाएगी। सरकारी हलकों ने बताया कि अभी तक राज्य सरकार को जी.एस.डी.पी. के 3 प्रतिशत तक की राशि उधार लेने की केंद्र द्वारा अनुमति है परन्तु राज्य सरकार प्रदेश में चल रहे गंभीर आॢथक संकट को देखते हुए इस सीमा को बढ़ाकर जी.एस.डी.पी. का 4.5 प्रतिशत करने की मांग कर रही है।