गया – अंडर-19 विश्व कप का खिताब जीतने वाले भारतीय टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ के हाथों में पहला बल्ला उसके दादा ने पकड़ाया था, जब उनकी उम्र महज तीन साल की रही थी। पृथ्वी शॉ के दादा ने उन्हें उनके बचपन का पहला बैट पकड़ाया था, वो प्लास्टिक का एक बैट था। दादा ने पोते के अंदर अंकुरित हो रहे क्रिकेट के बीज को जैसे पढ़ लिया था। पृथ्वी का पैतृक नाता गया स्थित मानपुर से है। इस मानपुर को लोग एक और बात के लिए जानते हैं, जहां के पटवा टोली के छात्र थोक के भाव में आइआइटी व एनआइटी की परीक्षा पास करते हैं। पृथ्वी का पैतृक घर मानपुर स्थित शिवचरण लेन की संकीर्ण गली में है। उनके दादा अशोक साव बताते हैं कि जब वह छोटा था, तो क्रिकेट का एक्शन दिखाता रहता था। उन्होंने उसे प्लास्टिक का बल्ला और गेंद खरीद कर दिया। वह तब तीन साल का था, बहुत खुश हुआ। इस बल्ले से खेलता रहा।दादा ने कहा, ‘पृथ्वी यहीं पास के मैदान में चला जाता था। छोटा-सा बच्चा..हम..(आंखें डबडबा जाती हैं, आवाज भर्रा जाती है) दादा-पोता क्रिकेट खेलते थे। हम गेंद फेकते थे, पृथ्वी उस पर शॉट मारकर खूब खुश होता था।