पिंक बॉल के साथ पहला डे-नाइट टेस्ट बांग्लादेश को रास नहीं आया. टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेशी टीम ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपनी पहली पारी में सिर्फ 106 रनों पर पवेलियन लौट गई. यह दोनों टीमों के लिए बेहद खास मैच है, क्योंकि दोनों अपना पहला डे-नाइट टेस्ट खेल रही हैं. डे-नाइट टेस्ट में पिंक बॉल का उपयोग होता है. आमतौर पर टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद से खेली जाती है, जिसे रेड चेरी भी कहा जाता है.
सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के साथ ही इस मैच के आयोजन का फैसला हुआ था. गांगुली ने भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली से मुलाकात के बाद घोषणा की थी कि बांग्लादेश के साथ जारी दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच फ्लडलाइट के नीचे खेला जाएगा.
इस घोषणा के साथ ही इस मैच की तैयारी शुरू कर दी गई. कप्तान कोहली ने कहा कि वह घर में पहला डे-नाइट टेस्ट खेलने को लेकर खुश हैं. गांगुली ने पिंक बॉल बनाने वाली कम्पनी-एसजी से इस मैच के लिए तुरंत गेंद बनाने के लिए कहा गया.
इस मैच के लिए पूरे कोलकाता को पिंक रंग से सजाया गया. शहर की मुख्य इमारतों को पिंक रंग से ढक दिया गया. रात में ये इमारतें पिंक रंग की झालरों के साथ काफी खूबसूरत दिखाई दे रही हैं.
खिलाड़ियों के साथ राष्ट्रगान के लिए मैदान में आए बच्चे भी पिंक रंग से सराबोर दिखे. यहां कि स्टेडियम के अंदर मौजूदा स्कोरबोर्ड को भी पिंक कर दिया गया. टीवी पर स्कोरबोर्ड में भी पिंक रंग का बोलबाला रहा.
कप्तान मोमिनुल हक ने कहा था कि इस मैच से पहले पिंक बॉल से एक अभ्यास मैच खेलना अच्छा फैसला होता. कप्तान खुद शून्य पर आउट हुए. यही नहीं, इस मैच में बांग्लादेश को अपना एक खिलाड़ी भी गंवाना पड़ा. लिटन दास को सिर पर गेंद लगने के कारण रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा. लिटन के स्थान पर मेहेदी हसन मिराज को कॉन्सेशन खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर उतारा गया.