दलितों के साथ हिंसा के मुद्दे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का राजघाट पर उपवास अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले एक नया विवाद जरूर खड़ा हो गया। दरअसल 1984 के सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर भी राजघाट पर पहुंचे थे, जिससे पार्टी असहज हो गई और उन्हें वापस भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिख दंगों के आरोपी नेताओं के पहुंचने से पार्टी असहज हो गई और प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद दोनों नेता वापस लौट गए।
उपवास स्थल से वापस लौटाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर टाइटलर ने सफाई देते हुए कहा, ‘मेरे ऊपर कोई एफआईआर नहीं है, कोई केस नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा मुझसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी कुछ नहीं कहा। यह पूरा विवाद आप लोग ही पैदा कर रहे हैं।’
BJP बोली, राहुल का उपवास दलितों का उपहास
कांग्रेस की दिल्ली यूनिट ने दलितों पर कथित अत्याचार के खिलाफ 9 अप्रैल को राहुल गांधी के राजघाट पर उपवास करने का ऐलान किया था। राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के कार्यकर्ता भी दिन भर का उपवास रखने हैं। इसके अलावा सभी राज्यों में जिला मुख्यालयों पर भी प्रदर्शन करने की तैयारी है।
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इस बीच बीजेपी ने राहुल गांधी के उपवास को दलितों का उपहास करार देते हुए तंज कसा है। बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट कर कहा, ‘यह दलितों के हित के लिए उपवास नहीं है बल्कि दलितों के कल्याण के नाम पर मजाक है। राहुल गांधी एक बार फिर से कैमरे की राजनीति कर रहे हैं। राहुल आप स्टंट और झूठ की राजनीति कब खत्म करेंगे?’
बीजेपी सांसद भी 12 को रखेंगे उपवास
संसद सत्र के हंगामे की भेंट चढ़ने का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ते हुए सत्ताधारी बीजेपी ने भी एक दिन के उपवास का ऐलान किया है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया था। शाह ने कहा कि विपक्ष के लोगों ने पूरे संसद सत्र को चलने नहीं दिया और लोकतंत्र का गला घोंटा है। इसके विरोध में 12 अप्रैल को सभी बीजेपी सांसद अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में धरना देंगे और एक दिन का उपवास रखेंगे।