नई दिल्ली, प्रेस की ताकत ब्यूरो- 22 नवंबर 2021
दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर पिछले तकरीबन एक साल से धरना प्रदर्शन दे रहे किसानों ने भले ही तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बाध्य कर भले ही जंग जीत ली हो, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से दूरी बना ली है। शनिवार को हुई बैठक राकेश टिकैत बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे ही नहीं। गाजीपुर से सूचना आ रही थी कि वह कुंडली बार्डर पर बैठक में शामिल होंगे, लेकिन वह नहीं पहुंचे। उनकी तरफ से मीडिया में संदेश प्रसारित किया गया कि सोमवार को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत को लेकर वहां चले गए हैं। हालांकि इसके , पिछली बैठक के दौरान गुरनाम सिंह चढ़ूनी और राकेश टिकैत गुट में तनातनी हो गई थी। इस लिए कयास लगाए जा रहे थे कि राकेश टिकैत बैठक में नहीं आएंगे।
हरियाणा के दिग्गज किसान नेताओं में शुमार गुरनाम सिंह चढ़ूनी बीच बैठक से ही बाहर आ गए। बैठक में शामिल होने पहुंचे गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी बीच में ही बाहर आ गए। उनके बारे में कहा गया था कि उन्हें किसी अन्य कार्यक्रम में पहुंचना है।
दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर कुंडली बार्डर पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 27 नवंबर तक के लिए पूर्व में तय सभी कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया गया। इसके बाद राजेवाल ने पत्रकारों से कहा कि फिलहाल तो संसद में कानून रद होने तक आंदोलन जारी रहेगा।