चंडीगढ़, 14 अगस्त (शिव नारायण जांगड़ा): उद्योग विभाग ने लघु और छोटे उद्योग कलस्टर विकास प्रोग्राम (एमएसई-सीडीपी) स्कीम के अंतर्गत भारत सरकार के एमएसएमई, मंत्रालय को मैसर्ज आधुनिक प्रिंटिंग और पैकेजिंग कलस्टर, लुधियाना के सी.एफ.सी. प्रोजैक्ट के प्रस्ताव की सिफ़ारिश की है। यह जानकारी कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने दी।
इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार सीएफसी की स्थापना के लिए अधिक से अधिक 20 करोड़ रुपए की प्रोजैक्ट लागत (लघु इकाईयों की संख्या के आधार पर) का 70 से 90 फीसदी प्रोजैक्ट लागत का प्रदान करती है और बकाया राशि एसपीवी /राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है।
राज्य में औद्योगीकरण और नौकरियों के मौके पैदा करने के लिए पंजाब सरकार के यत्नों का जि़क्र करते मंत्री ने कहा कि यह सीएफसी प्रोजैक्ट लगभग 5750 व्यक्तियों को रोजग़ार के मौके प्रदान करेगा जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्सक्ष तौर पर 20 करोड़ रुपए का निर्यात होगा। उत्पादकता और गुणवत्ता बढऩे से लगभग 630 एमएसएमई यूनिटों को लाभ मिलेगा।
यह प्रोजैक्ट उद्यमियों के द्वारा स्पैशल पर्पज़ व्हीकल के गठन अधीन लागू किये जा रहे हैं। सीएफसी ने कम्पनीज़ एक्ट -2013 की धारा 8 के अंतर्गत रजिस्टर्ड ‘‘मॉडर्न प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग फोर्म (एमपीपीएफ), लुधियाना का एक एसपीवी गठित किया है और गाँव गौंसपुर, औद्योगिक ज़ोन, लुधियाना में ज़मीन का प्रबंध किया है। इस प्रोजैक्ट में 20.01 करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा जिसमें से 16.26 करोड़ रुपए मशीनरी और उपकरणों पर ख़र्च किये जाएंगे।
मुख्य मशीनरी में छह रंगों के ऑफसैट के साथ कोटिंग सिस्टम एंड पीसी एयर कंडीशनिंग एंड इक्वीपमैंट चिलिंग यूनिट, ड्यूल लैमीनेशन मशीन, हाई स्पीड डाई कटिंग मशीन, सीसीटीवी, लैपटाप /कंप्यूटर आदि होंगे जो उच्च मात्रा और उच्च गुणवत्ता वाले प्रिंट पैकजिंग उत्पादों के उत्पादन में सहायता करेंगे।
मंत्री ने आगे बताया कि हम इस योजना के अधीन 14 प्रोजैक्टों की पहचान की है, जिनमें से 2 सीएफसीज़ मुकम्मल हो चुके हैं और 4 प्रोजैक्ट लागूकरण अधीन हैं जिसके लिए भारत सरकार के द्वारा पहले ही अंतिम मंजूरियां दी जा चुकी हैं। भारत सरकार इन प्रोजैक्टों के लिए 86.74 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
एम.एस.एम.ई. सैक्टर कम निवेश पर रोजग़ार के बड़े मौके प्रदान करता है। साझे बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्टों में साझा सहूलतें जैसे टेस्टिंग लैबाटरीज़, ट्रेनिंग केंद्र, कच्चे माल के भंडार, ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट आदि भारत सरकार से 20 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता अधीन स्पैशल पर्पज़ व्हीकल (ऐसपीवी) द्वारा बनाऐ और संचालित किये जाते हैं जिससे कम स्रोतों और पूँजी का उपयुक्त प्रयोग किया जा सके।