Raksha Bandhan 2021: रक्षा बंधन का पावन त्यौहर भाई- बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक माना जाता है, जिसमें बहने अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा का पवित्र धागा बांधती हैं। साथ ही भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन लेता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रक्षा बंधन का सही अर्थ क्या है? और ये क्यों मनाया जाता है। इस बार रक्षा बंधन का पवित्र त्यौहर 22 अगस्त को पुरे विश्व भर में मनाया जा रहा है।
क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन का यह त्यौहर ?
रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र का धागा बांधती हैं। रक्षाबंधन का ये पावन त्योहार भाई- बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है धार्मिक मान्यता है कि, यमराज की बहन यमुना ने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी थी, जिसके बदले में यमराज ने यमुना को अमर रहने का वरदान दिया था। तभी से यह रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है।
क्या है रक्षा बंधन का सही अर्थ?
पौराणिक समय में रक्षा के इस पवित्र धागे को रक्षासूत्र के नाम से जाना जाता था लेकिन आज के युग में रक्षासूत्र को राखी का नाम दे दिया है ,और आत्मीयता की जगह भाई अपनी बहनों को गिफ्ट देने लगे है। लेकिन सही मायने में रक्षा बंधन का अर्थ हम भूल चुके हैं। आज के युग में रक्षाबंधन का अर्थ ही बदल गया है। आज रक्षा बंधन का मतलब भाई को राखी बांधना और बदले में बहनों को पैसा देना, गिफ्ट देना, घुमना, पार्टी करना, बस यही आज के समय में राखी का मतलब रह गया है। आजकल प्रेम और कर्तव्य से भरा रक्षा बंधन का इस पवित्र त्योहार के सही मतलब को खो लिया गया है।
रक्षा बंधन का सही अर्थ है बहनों के प्रति भाई का प्यार हमेशा बना रहे साथ ही बहने जिस प्रेम और स्नेह के साथ भाईयों को रक्षा का धागा बांधती हैं, भाई उस प्रेम को बनाए रखे और बहन के प्रति अपने प्यार को न भूले। केवल भारत ही पूरी दुनिया में भाई बहन के इस त्योहार का प्रतीक है। कृष्ण- द्रौपदी से लेकर यमराज- यमुना तक जैसी कितनी ही कथाएं भारतवर्ष के इस इतिहास के पने में दर्ज हैं।