चंडीगढ़, 24 नवंबर 2021, (प्रेस की ताकत ब्यूरो)-
पंजाब के परिवहन मंत्री श्री अमरिन्दर सिंह राजा वड़िंग ने आज कहा कि स्टेट ट्रांसपोर्ट अपीलैट ट्रिब्यूनल (एस.टी.ए.टी.) का आज आया फ़ैसला ग़ैर-कानूनी ढंग से बस परमिटों में कई बार की गयी वृद्धि के खि़लाफ़ पंजाब सरकार की तरफ से गई कार्यवाही पर मोहर लगाता है, जिसने पंजाब और इसके लोगों को अपने निजी लाभों के लिए लूटने वालों के चेहरे से नकाब हटा दिया है।
यहाँ पंजाब भवन में प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये राजा वड़िंग ने कहा कि आज अहम दिन है जब जुझार ट्रांसपोर्ट पैसेंजर समेत ग़ैर-कानूनी तौर पर चलने वाले 806 पर्मिट रद्द करने की परिवहन विभाग की कार्यवाही पर ट्रिब्यूनल ने जायज ठहराया है।
आज के इस अहम फ़ैसले में स्टेट ट्रांसपोर्ट अपीलैट ट्रिब्यूनल ने पंजाब परिवहन विभाग के उन हुक्मों को बरकरार रखा है, जिनमें जस्टिस सूर्या कांत के फ़ैसले अनुसार राज्य में बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टरों के 24 किलोमीटर से अधिक के असली परमिटों के विस्तार को रद्द कर दिया गया था।
राजा वड़िंग ने बादलों की तरफ से लगाए बदलाखोरी के दोषों को सिरे से नकारते हुये कहा कि किसी को भी राज्य के ख़जाने को लूटने की इजाज़त नहीं दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जिनको परिवहन विभाग का 14 करोड़ रुपए के टैक्स अदा करना पड़ा है, वह अब बदलाखोरी का झूठा राग अलाप रहे हैं। मंत्री ने कहा कि आखिर सत्य की ही जीत होती है। पंजाब को लूटने के लिए ज़िम्मेदार ठहराए जाने पर सुखबीर बादल की तरफ से मचाए जा रहे हो-हल्ले पर कोई हैरानी ज़ाहिर न करते हुये वड़िंग ने कहा, ‘साबका उप मुख्यमंत्री की तरफ से मेरे विरुद्ध इस्तेमाल की जा रही भद्दी भाषा का उसी ढंग से जवाब देना मैं उपयुक्त नहीं समझता।
राजा वड़िंग ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत द्वारा 2012 में सुनाए फ़ैसले को राज्य में लागू नहीं किया जा रहा था परन्तु 29 सितंबर को विभाग की कमान संभालने के बाद मैंने यह यकीनी बनाया कि यह फ़ैसला सही ढंग के साथ लागू किया जाये और इसके अंतर्गत राज्यभर में लगभग 1 लाख किलोमीटर के ग़ैर कानूनी ढंग के साथ रूट परमिटें दी गई वृद्धि को रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कुल 806 परमिट रद्द करने के लिए विभाग द्वारा 682 ऑर्डर पास किये गए, जिनके विरुद्ध जुझार ट्रांसपोर्ट पैसेंजर के नेतृत्व में 114 कंपनियों ने ट्रिब्यूनल के पास पहुँच की।
राजा वड़िंग ने कहा कि इस फ़ैसले को लागू न करने के कारण विभाग को इस साल के अक्तूबर महीने तक बनते 9 सालों में 42 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से लगभग 1380 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्राईवेट ट्रांसपोर्टरों की रोज़ाना की ग़ैर-कानूनी आय, जिसमं् से 50 प्रतिशत बादलों से सम्बन्धित है और बाकी 30 प्रतिशत उनकी करीबी कंपनियों की है, 42 लाख रुपए प्रति दिन बनती है।
परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के ऐलान के मुताबिक ऑटो रिक्शा चालकों के सभी टैक्स माफ किये जाएंगे।
पंजाब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने राज्य के बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टरों के 24 किलोमीटर से अधिक के असली परमिटों की वृद्धि को रद्द कर दिया था और इस सम्बन्धी एक आदेश 18 अक्तूबर को तुरंत प्रभाव से पास किया गया था।
इसके बाद प्राईवेट ट्रांसपोर्टरों ने इस फ़ैसले के विरुद्ध 1 नवंबर को ट्रिब्यूनल के पास पहुँच की थी और बाद में 18 अक्तूबर के आदेशों पर रोक लगा दी गई थी। सरकार द्वारा 1 नवंबर के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
रद्द किये गए ग़ैर कानूनी परमिटों में 19382 किलोमीटर आर.टी.ए. बठिंडा अधीन, 43513 किलोमीटर आर.टी.ए. पटियाला, 24387 किलोमीटर आर.टी.ए. जालंधर और 10215 किलोमीटर आर.टी.ए. फ़िरोज़पुर अधीन आते हैं।