चण्डीगढ़, 17 दिसंबर 2021,(प्रेस की ताकत ब्यूरो)-
पंजाब सरकार ने गुरूवार रात को सिद्धार्थ चटोपाध्याए ने इकबाल प्रीत सिंह सहोता की जगह पर पंजाब का डायरैक्टर -जनरल पुलिस नियुक्त किया है। चटोपाध्याए की हिमायत पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने की थी। देर शरणार्थी जारी हुक्मों अनुसार, नयी नियुक्ति होने तक डीजीपी के दफ़्तर की निगरानी करेंगे।
इकबाल प्रीत सिंह सहोता की जगह’पर, डायरैक्टर (विजीलैंस) सिद्धार्थ चटोपाध्याए को राज के डीजीपी का काम सौंपा गया है जब तक यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (यूपीऐससी) द्वारा चुने गए तीन आधिकारियों के पैनल में से एक नियमत पुलिस प्रमुख नियुक्त नहीं किया जाता है।
चटोपाध्याए की नियुक्ति की पुशटी करन वाली सरकारी नोटीफिकेशन में लिखा है- इकबाल प्रीत सिंह सहोता, आई.पी.ऐस. (पी.बी.: 1988) सपैशल डीजीपी आर्म्ड बी.ऐन., जालंधर, की जगह पर श्री सिद्धार्थ चटोपाध्याए, आईपीएस (पीबी: 1986) डीजीपी, पीऐसपीसीऐल, पटियाला अपनी, मौजूदा ड्यूटियों के इलावा डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस, पंजाब (ऐचओपीऐफ) के काम की देख -रेख करेंगे जब तक पुलिस डायरैक्टर जनरल के ओहदो के लिए नयी नियुक्ति नहीं की जाती, पंजाब (HoPF) निर्धारित प्रक्रिया अनुसार। यह हुक्म तुरंत प्रभाव के साथ लागू होंगे।”
ज़िक्रयोग्य है कि कैप्टन (सेवामुक्त) अमरिन्दर सिंह के मुख्य मंत्री ओहदे से इस्तीफ़ा देने के बाद सूबा कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने चटोपाध्याए को पंजाब का डीजीपी नियुक्त करन के लिए ज़ोर पाया था। चटोपाध्याए ने 2007 से 2012 तक कांग्रेस के शासन दौरान बादल परिवार के वित्तीय सौदों की जांच की थी।
चरनजीत सिंह चन्नी के पंजाब के मुख्य मंत्री बनने के बाद, सिद्धू सहोता की कार्यकारी डीजीपी के तौर पर नियुक्ति से छिन नहीं थे। उसने 2015 में गुरू ग्रंथ साहब की बेअदबी और पुलिस गोलीबारी के मामलो में सहोता के काम कार पर सवाल चुके थे। सहोता ने इन दोशों का खंडन किया था।
सिद्धू के दबाव के बाद, मुख्य मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी का नेतृत्व वाली सरकार ने 30 सितम्बर को यूपीऐससी को 10 आधिकारियों का पैनल भेजा, जिस के साथ चटोपाध्याए को डीजीपी के ओहदो की दौड़ में बने रहने को यकीनी बनाया गया। इस ओहदो के लिए उम्मीदवार की सेवा की मियाद के अनुसार छह महीने बाकी होने चाहिएं। चटोपाध्याए 31 मार्च 2022 को सेवामुक्त हो जाएंगे।