खड्डे न होने व सड़क बन्द या खुला होने का एप शुरू हो।
भवनों से 5 फुट की दूरी पर डालने चाहिए पाइप।
अम्बाला छावनी में नाले बन्द करके पाइप लाइन डालने की योजना करोड़ो रूपये की योजना की कामयाबी पर सवालिया निशान उठाते हुए एडवोकेट दमनप्रीत सिंह ने कहाकि नाले बन्द करके डाली जा रही पाइप की क्षमता व व्यास बहुत कम है जिसे बढ़ाया जाना चाहिए। मोजूदा नालों का आकार 2 से 4 फुट चौड़ाई व 5 से 7 फुट ऊंचाई के है जिनमे सम्बंधित छेत्र का गन्दा व बरसाती पानी बहता है और हल्की सी बरसात होने पर यह नाले भी ओवरफ्लो हो जाते हैं ऐसी स्तिथि में मात्र 18 इंच से 36 इंच के आंतरिक व्यास के पाइप डालना सरासर अनुचित है। समय पर प्रशासन द्वारा उचित निर्णय न लिया गया तो करोड़ो रुपयों की स्ट्राम वाटर योजना पर पानी तो फिरेगा ही साथ ही हल्की सी बरसात आने पर शहर भी जलमगन गो जाएगा। पहले से ही सेकड़ो करोड़ रुपये से बनी सड़को का बुरा हाल है, आलम यह है कि भारी भरकम खर्च करने के बावजूद भी अम्बाला छावनी की शायद एक भी सड़क सबूत नही है। नगरपरिषद को चाहिए कि एक ऐसा ऐप लॉन्च कर दे जो यह बताए कि कोनसी सड़क पर खड्डे नही है और कोनसी सड़क आगे बन्द नही है। सरकार ने अनेक ऐप जनहित में जारी किए हैं ताकि जनता को असुविधा से बचाया जा सके इसी कड़ी में अब सरकार को एक ऐसा ऐप भी लॉन्च कर देना चाहिए जो सड़क पर खड्डे न होने या सड़क आगे बन्द न होने की जानकारी जनता को दे ताकि जनता दुखी व परेशान न हो। उन्होने कहाकि भवनों से 5 फुट की दूरी पर डालने चाहिए पाइप ताकि जनता के थड़े भी न टूटे और भविष्य में पाइप में ब्लॉकेज भी आसानी से दूर की जा सके। आज अम्बाला छावनी का आलम यह है कि स्ट्रॉम वाटर योजना के तहत पाइप डालने से लगभग 7000 लोगो के थड़े टूट रहे हैं जिनके पुनर्निर्माण का जनता की जेब से करोड़ो रुपयों का खर्च होगा जोकि जनता केसाथ नाइंसाफी है। मंदी के कारण बहुत से लोगो के पास तो दोबारा थड़े बनाने के लिए धन भी नही है। सरकारी को गम्भीरता से इस विषय पर विचार करके लोगो के थड़े बचाकर पाइप लाइन डालनी चाहिए।