~ आज का हिन्दू पंचांग ~
⛅दिनांक – 06 जुलाई 2022
⛅दिन – बुधवार
⛅विक्रम संवत – 2079
⛅शक संवत – 1944
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – वर्षा
⛅मास – आषाढ़
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – सप्तमी शाम 07:48 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी सुबह 11:44 तक तत्पश्चात हस्त
⛅योग – वरीयान सुबह 11:43 तक तत्पश्चात परिघ
⛅राहु काल – दोपहर 12:44 से 02:26 तक
⛅सूर्योदय – 05:59
⛅सूर्यास्त – 07:29
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:35 से 05:17 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 से 01:06 तक
⛅व्रत पर्व विवरण –
⛅ विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
?औषधीय गुणों से युक्त : जामुन?
?जामुनः जामुन दीपक, पाचक, स्तंभक तथा वर्षा ऋतु में अनेक उदर-रोगों में उपयोगी है । जामुन में लौह तत्त्व पर्याप्त मात्रा में होता है अतः पीलिया के रोगियों के लिए जामुन का सेवन हितकारी है ।
?जामुन खाने से रक्त शुद्ध तथा लालिमायुक्त बनता है । जामुन अतिसार, पेचिश, संग्रहणी, यकृत के रोगों और रक्तजन्य विकारों को दूर करता है । मधुमेह (डायबिटीज) के रोगियों के लिए जामुन के बीज का चूर्ण सर्वोत्तम है ।
?मधुमेहः मधुमेह के रोगी को नित्य जामुन खाना चाहिए । अच्छे पके जामुन सुखाकर, बारीक कूटकर बनाया चूर्ण प्रतिदिन 1-1 चम्मच सुबह शाम पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है ।
?प्रदररोगः जामुन के वृक्ष की छाल का काढ़ा शहद (मधु) मिलाकर दिन मे दो बार कुछ दिन तक सेवन करने से स्त्रियों का प्रदर रोग मिटता है ।
?मुहाँसेः जामुन के बीज को पानी में घिसकर मुँह पर लगाने से मुहाँसे मिटते हैं ।
?आवाज बैठनाः जामुन की गुठलियों को पीसकर शहद में मिलाकर गोलियाँ बना लें । दो-दो गोली नित्य चार बार चूसें । इससे बैठा गला खुल जाता है । आवाज का भारीपन ठीक हो जाता है । अधिक बोलने, गाने वालों के लिए यह विशेष लाभदायक है ।
?स्वप्नदोषः चार-पाँच ग्राम जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह शाम पानी के साथ लेने से स्वप्नदोष ठीक होता है ।
?दस्तः कैसे भी तेज दस्त हों, जामुन के पेड़ की पत्तियाँ (न ज्यादा मोटी न ज्यादा मुलायम) लेकर पीस लें । उसमें जरा सा सेंधव नमक मिलाकर उसकी गोली बना लें । एक-एक गोली सुबह-शाम पानी के साथ लेने से दस्त बन्द हो जाते हैं ।
?पथरीः जामुन की गुठली का चूर्ण दही के साथ सेवन करने से पथरी में लाभ होता है । दीर्घकाल तक जामुन खाने से पेट में गया बाल या लोहा पिघल जाता है ।
?जामुन-वृक्ष की छाल के काढ़े के गरारे करने से गले की सूजन में फायदा होता है व दाँतों के मसूढ़ों की सूजन मिटती है व हिलते दाँत मजबूत होते हैं ।
?विशेषः जामुन सदा भोजन के बाद ही खाना चाहिए । भूखे पेट जामुन बिल्कुल न खायें । जामुन के तत्काल बाद दूध का सेवन न करें । जामुन वातदोष करने वाले हैं अतः वायुप्रकृति वालों तथा वातरोग से पीड़ित व्यक्तियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए । जिनके शरीर पर सूजन आयी हो उन रोगियों को, उल्टी के रोगियों को, प्रसूति से उठी स्त्रियों को और दीर्घ कालीन उपवास करने वाले व्यक्तियों को इनका सेवन नहीं करना चाहिए । नमक छिड़ककर ही जामुन खायें । अधिक जामुन का सेवन करने पर छाछ में नमक डालकर पियें । जामुन मधुमेह, पथरी, लीवर, तिल्ली और रक्त की अशुद्धि को दूर करता है ।