पटियाला, 15 दिसंबर 2021, (प्रेस की ताकत ब्यूरो)-
कैप्टन अमरिंदर सिंह के गढ़ पटियाला में 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने किलेबंदी तेज कर दी है। मोती महल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले कांग्रेसी नेताओं को सिद्धू ने जिला प्रधान व कार्यकारी प्रधान के ओहदों से नवाजा है। इनमें सोमवार को जारी सूची में नरिंदर पाल लाली को जिला कांग्रेस कमेटी पटियाला शहरी का प्रधान, जबकि पार्षद कृष्ण चंद बुद्धू को कार्यकारी प्रधान नियुक्त किया है। इनमें से खास तौर से कृष्ण चंद बुद्धू को तो कैप्टन ने अपनी खिलाफत करने पर पनसप के वाइस चेयरमैन के पद से भी हटा दिया था।
इससे पहले जिला शहरी प्रधान के पद पर कैप्टन व परनीत के खास केके मल्होत्रा काबिज थे। आने वाले विधानसभा चुनाव में कैप्टन अपनी पैतृक सीट पटियाला (शहरी) से ही लड़ने का एलान कर चुके हैं। कैप्टन के कारण यह सीट पहले से ही राजनीति के क्षेत्र में काफी हॉट मानी जाती रही है। लेकिन बदले राजनीतिक परिदृश्य में जब कैप्टन कांग्रेस के खिलाफ होंगे और भाजपा के संग होंगे, तो इस बार यह सीट और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
सबकी नजरें इस बार पटियाला सीट पर ही रहेंगी। ऐसे में पटियाला में कैप्टन को घेरने के लिए सिद्धू ने किलेबंदी तेज कर दी है। इसके तहत सिद्धू ने जिला कांग्रेस कमेटी पटियाला शहरी के ओहदे से मोती महल के करीबी केके मल्होत्रा की छुट्टी करा उनकी जगह नरिंदर पाल लाली को फिट कर दिया है। जबकि कार्यकारी प्रधान के पद पर एमसी कृष्ण चंद बुद्धू की नियुक्ति करा दी है।
बुद्धू ने कैप्टन के करीबी मेयर संजीव शर्मा बिट्टू के खिलाफ अनियमितताएं करने के आरोप लगाते उन्हें हटाने की सबसे पहले मांग उठाई थी। साथ ही सांसद परनीत कौर व उनकी बेटी जयइंद्र कौर के खिलाफ भी आरोप लगाए थे कि शिकायत के बावजूद इन दोनों ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। इस मामले को अनुशासनहीनता के तौर पर लेते हुए कैप्टन ने अगस्त 2021 में तुरंत बुद्धू को पनसप के वाइस चेयरमैन से पद से हटा दिया था।
जिला प्रधान बने नरिंदर पाल लाली की भी सिद्धू परिवार से करीबी जग जाहिर है। हाल ही में लाली ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि जिस तरह से देश को 1947 में आजादी मिली, उसी तरह से कांग्रेसियों को अब मोती महल से आजादी मिल गई है।