चंडीगढ़, 22 दिसंबर 2021, (प्रेस की ताकत ब्यूरो)-
पंजाब की राजनीति में पिछले कई सालों से बड़ा मुद्दा बने हुए सिंथैटिक ड्रग्गज़ मामले में मतदान के नज़दीक आने पर एक बार फिर से बड़ी हलचल मची हुई है। अकाली नेता ख़िलाफ़ ऐफ्फ. आई. आर. दर्ज की गई है और पुलिस एक्शन मोड में दिखाई दे रही है। पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के मामले पर बोलते पंजाब के ग्रह मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि यह बहुत देर पहले हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ए. डी. जी. पी. हरप्रीत सिद्धू के नेतृत्व में तैयार की ऐस्स. टी. ऐफ्फ. की रिपोर्ट में साफ़ लिखा गया था कि मजीठिया ख़िलाफ़ कार्यवाही बनती है। सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने बिक्रम मजीठिया पर दर्ज ऐफ्फ. आई. आर. में लगीं धारायों के बारे में बताते हुए कहा कि ई. डी. और ऐस्स. टी. ऐफ्फ. ने जो जांच की है, उस के आधार पर ही मजीठिया ख़िलाफ़ धारायें लगाईं गई हैं।
उन्होंने कहा कि इन रिपोर्टों के आधार पर ही मजीठिया ख़िलाफ़ जांच की जायेगी। रंधावा ने कहा कि यहाँ तक कि कांग्रेस की मुख्य विरोधी पार्टी भाजपा ने भी मजीठिया की गिरफ़्तारी बारे में यही बात कही है कि इस में बहुत देर हुई है तो यह स्पष्ट है कि हम ने जो किया है, बिल्कुल सही किया है। रंधावा ने कहा कि वह यह बात स्पष्ट कर देनी चाहते हैं कि कानून से उपर कोई चीज़ नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि अदालत और कानून यह कहता है कि इस मामले में जांच होनी चाहिए तो यह जांच ज़रूर होगी।
ऐफ्फ. आई. आर. दर्ज हो चुकी है, ऐस्स. आई. टी. का गठन भी कर दिया है और हमारी टीमें मजीठिया को ढूँढ रही हैं। कई जगह छापेमारी की गई है परन्तु अब तक मजीठिया हाथ नहीं लगे हैं। पता लगा है कि सिक्योरिटी टीम को भी कोई जानकारी दिए बिना ही मजीठिया कहीं निकल गए हैं परन्तु इतना तय है कि हम जल्दी ही गिरफ़्तारी करने में कामयाब हो जायेंगे। कानून अपना काम करेगा, ऐफ्फ. आई. आर. दर्ज हुई है तो गिरफ़्तारी भी होगी।
इस कार्यवाही के लिए कोई दबाव नहीं था, विरोधी कुछ भी कहे। यह रिपोर्ट पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में बंद थी, जिस बारे कुछ ही दिन पहले अदालत ने कहा था कि अदालत की तरफ से पंजाब सरकार को कार्यवाही करने से नहीं रोका गया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के कारजकाल दौरान हमें यही कहा जाता रहा था कि इस मामले में कुछ नहीं हो सकता। वास्तव में कैप्टन ही इस मामले में कार्यवाही नहीं करना चाहते थे।
पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी कहा है कि यह वेंडेटा पालिटिक्स के अंतर्गत दर्ज किया गया है परन्तु अकाली दल जेलों से नहीं डरता। यदि जेलों से डर नहीं लगता तो क्यों छुपा छुपी क्यों चल रही है। बादल साहब को कहो कि मजीठिया को पेश कर दे। अदालत में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। वैसे मैं तो कहूँगा कि पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल को इस मामले में नहीं पड़ना चाहिए। उनको पता होना चाहिए कि मजीठिया वही व्यक्ति है, जिस ने अकाली दल को दाग़दार किया है। यदि लगता था कि यह रिपोर्ट गलत है तो हाई कोर्ट में क्यों नहीं कहा कि ऐस्स. टी. ऐफ्फ. ने गलत रिपोर्ट बनाई है।
उन्होंने अकाली दल के सवालों का जवाब देते कहा कि पंजाब के लोग गुरू साहब की बेअदबी करने वालों और नशा बेचने वालों को कभी सत्ता में नहीं आने देंगे। स. प्रकाश सिंह बादल की तरफ से अपनी गिरफ़्तारी देने की कही गई बात का जवाब देते रंधावा ने कहा कि जब तक स. प्रकाश सिंह बादल के हाथ अकाली दल की कमान रही, तब तक अकाली दल पर किसी तरह का माफिया, नशों के बारे कोई इल्ज़ाम नहीं लगा परन्तु आज अकाली दल का सत्यानाश हो गया है।
अकाली दल का कहना है कि यह मामला पूरी तरह राजनैतिक रंजिश का है, पुरानी कहावत है, चोर की दाढ़ी में तिनका। पंजाब के लोगों को सब कुछ पता है। यह किसी भी तरह राजनैतिक रंजिश की कार्यवाही नहीं है। हाई कोर्ट में पैंडिंग रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही हुई है। अकाली नेता को लगता था कि ऐस्स. टी. ऐफ्फ. रिपोर्ट में उन का नाम गलत तरीके से पाया गया है तो उन को अदालत में जाना चाहिए था।