छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)- उच्च शिक्षा एवं उत्तम संस्कार के लिए ख्याति प्राप्त संत श्री आशारामजी गुरूकुल में इन दिनों प्रवेश की भीड़ देखी जा रही है। यहाँ देश के 24 राज्यों तथा विदेशों के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। प्रतिवर्ष शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने के कारण देश भर के कोने- कोने के विद्यार्थी यहाँ दाखिला लेने हेतु लालायित रहतें हैं। इस अवसर पर संचालिका दर्शना खट्टर ने बताया कि इस गुरुकुल के विद्यार्थियों ने राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर एवं अंतराष्ट्रीय स्तर तक खेलकूद एवं अन्य कई प्रतियोगिताओं में परचम लहराकर जिले को गौरान्वित किया है । आधुनिक शिक्षा और आध्यात्मिक शिक्षा के समन्वय के कारण ही विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास होता है। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ- साथ सफल जीवन जीने की कला , सफलता कैसे अर्जित करें , निरोगी ओर स्वस्थ कैसे रहें , मातृ भूमि और देश भक्ति के दैवीय गुण कैसे विकसित हों तथा परहित की भावना सुदृढ हो ; इन सब बातों पर भी ध्यान दिया जाता है । सन 1811 में इंग्लैंड में पहला स्कूल प्रांरभ हुआ था उस समय हमारे देश में 3 लाख से अधिक गुरूकुल हुआ करते थे । पूज्य बापूजी ने हमारी सनातन संस्कृति की गुरूकुल परम्परा को पुनः जीवित किया। और इसी वजह से वे षड्यंत्र का शिकार हुए । गत वर्ष खुशी कुकरेजा ने 12 th में देश के टॉप 10 में स्थान बनाया था । गुरूकुल से शिक्षा ग्रहण किये वाले ऐसे अनगिनत विद्यार्थी आज देश के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। ऐसे कई उत्कृष्ट परिणाम देने के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके , म.प्र. शासन के प्रभारी मंत्री कमल पटेल के अलावा जिला कलेक्टर एवं अन्य कई उच्च अधिकारी गुरूकुल को सम्मानित कर चुकें हैं । जिसमे से राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके समय समय पर गुरूकुल पहुच कर गुरूकुल के सेवा कार्यो की सराहना करते रही है ।गुरूकुल में प्रवेश की भीड़ जरूर है पर गुरूकुल प्रशासन ने जिले के विद्यार्थियों के लिये सीट आरक्षित रखी है।