छिंदवाड़ा(सुशील सिंह परिहार)- पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 129 वर्षीय बाल ब्रह्मचारी स्वामी शिवानंदजी महाराज का शरीर 3 मई को पंच तत्त्वों में विलीन हो गया । आप योग के आचार्य, सादा जीवन जीनेवाले, संतप्रेमी, सत्संगी, जीवनभर ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करनेवाले थे । आपको पूज्य बापूजी के प्रति बहुत प्रेम था । इसीलिए 15 दिसम्बर 2023 को मोटेरा-अहमदाबाद स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम में पधारे थे ।पूज्य बापूजी की तपःस्थली मोक्षकुटीर के दर्शन कर पूज्यश्री के व्यासपीठ की आरती उतारी और दंडवत् प्रणाम किया था ।उनके हृदय से निकले उद्गार थे : ‘‘बापूजी के आशीर्वाद के लिए मैं हर पल, हर समय आराधना करता हूँ । 50 साल पहले बापूजी से मेरी भेंट हुई थी और उनके सत्संग से मैं बहुत प्रभावित हुआ था । मैं उनका सत्साहित्य पढ़ता हूँ । बापूजी अध्यात्म के उच्चतम शिखर पर पहुँचे हुए हैं, उच्च कोटि के महापुरुष हैं, सिद्धपुरुष हैं यह मेरी स्वयं की अनुभूति है । बापूजी परम सुख को पाये हुए संत हैं एवं दिव्य जीवन जी रहे हैं ।’’अपनी लम्बी आयु का राज बताते हुए कहा था : “एलोपैथिक दवाइयाँ मैं कभी नहीं लेता हूँ, हमेशा आयुर्वेदिक ही लेता हूँ इसीलिए मेरी इतनी लम्बी आयु है । बापूजी का आशीर्वाद भी एक कारण है जिससे मेरी इतनी लम्बी आयु है ।”ऐसे संत, सत्संग और आयुर्वेद प्रेमी सज्जन स्वभाव आत्मा को संत श्री आशारामजी आश्रम एवं समस्त साधक-परिवार की तरफ से भावपूर्ण प्रेमांजलि ! ईश्वर उन्हें उत्तम गति प्रदान करें ।