आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करे से जप-तप की शक्ति बढ़ती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से अकाल मृत्यु का संकट भी टल जाता है। इसके अलावा आज नवरात्रि के दूसरे दिन कुछ विशेष ज्योतिषि उपायों को करने से जीवन की तमाम परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि आज के दिन कौनसे उपायों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
1. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बहुत ही मेधावी, होनहार, बुद्धिमान और कार्यकुशल हो तो आज आपको थोड़ी-सी मिश्री लेकर उस पर 108 बार यानि एक माता इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मंत्र जप के बाद उस मिश्री को अपने बच्चे को खिला दें और आज से सात दिन तक लगातार ऐसा ही करें।
2. अगर आप अपने दांपत्य जीवन में परस्पर प्रेम और सहयोग बनए रखना चाहते हैं, तो लाल या काले गुंजा के पांच दाने लेकर उसे एक मिट्टी के बर्तन अथवा मिट्टी के दिये में शहद भरकर उसमें डुबो कर सुरक्षित रख दें। ध्यान रहे जो भी यह उपाय कर रहा हो वह अपने जीवनसाथी का नाम अवश्य ही लेता रहे। इस उपाय को अपने जीवनसाथी या किसी को भी ना बताएं।
3. अगर आपकी कुंडली में मांगलिक समस्या है और उसके चलते आपको अपने लिए शादी का कोई अच्छा रिश्ता नहींं मिल पा रहा है, तो आपको आज नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद पाकर सिद्ध किया हुआ मंगल यंत्र धारण करना चाहिए।
4. अगर आप अपने सुख-सौभाग्य में वृद्धि करना चाहते हैं साथ ही जीवनसाथी के साथ रिश्ते को बेहतर बनाये रखना चाहते हैं, तो आज आपको भगवान शिव और माता गौरी की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए। साथ ही इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः।
5. अगर आपके घर मे धन की कमी रहती हो, कमाई के बाद भी पर्याप्त धन नहीं बचता हो तो आज स्नान आदि के बाद एक साबुत फिटकरी का टुकड़ा जो कम से कम 50 ग्राम का हो काले कपड़े में सिलकर घर या ऑफिस के मुख्य द्वार पर टाँग दे। अगर फिटकरी टाँगना संभव ना हो तो फिटकरी को घर में ही काले कपड़े में लपेटकर रख दें।
6. अगर आप अपने करियर मे तरक्की करना चाहते है तो आज थोड़ा सा कच्चा सूत लेकर उसे केसर से रंग लें, इस रंगे हुए सूत को अपने व्यापार स्थल में बांध लें और नौकरी करने वाले इसे अपनी अलमारी, दराज, मेज कहीं भी रख सकते हैं।
7. अगर आप अपना मनोबल बढ़ाना चाहते हैं, अपनी ऊर्जा में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज आपको मां ब्रह्मचारिणी के चरणों में 3 मुखी रुद्राक्ष रखकर, उसकी विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए और उसे धारण करना चाहिए।
8. अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को उत्तम विद्या की प्राप्ति हो, तो आज आपको चमेली या किसी अन्य सफेद फूल के साथ ही 6 लौंग और एक कपूर लेकर देवी मां के सामने आहुति देनी चाहिए और आहुति देते समय इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
9. अगर आप जीवन के किसी क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं, अपने करियर में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो आज आपको देवी ब्रह्मचारिणी के इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। देवी मां का मंत्र इस प्रकार है- दधानां कर पद्माभ्यां अक्षमाला कमण्डलुम्। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणीः अत्युत्तमा॥ इस प्रकार जप के बाद देवी मां को पुष्पांजलि अर्पित करें।
10. अगर आप अपने ज्ञान में बढ़ोतरी करना चाहते हैं और अपनी उथल-पुथल जिंदगी में थोड़ी-सी शान्ति पाना चाहते हैं, तो आज आपको मां ब्रह्मचारिणी के स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। देवी मां का स्तोत्र इस प्रकार है-तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्। ब्रह्मरूप धरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥ शङ्कर प्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी। शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥।
11. अगर आपने किसी से कर्ज़ ले रखा है और बहुत कोशिशों के बाद भी वह नहीं उतर रहा है तो आज माता की पूजा के समय सवा किलो साबुत लाल मसूर, लाल कपड़ें में बांधकर अपने सामने रख दें और फिर घी का दीपक जलाकर माता के इस मंत्र का 108 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है- दधानां कर पद्माभ्यां अक्षमाला कमण्डलुम्। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणीः अत्युत्तमा॥ पूजा समाप्त होने के पश्चात मसूर को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर किसी भी सफाई कर्मचारी को दान में दे दें।
12. अगर आप चाहते हैं कि आपकी संतान बहुत जल्दी तरक्की के शिखर पर पहुंच जाये, तो आज सात दालों का चूरा बनाकर। उन पर इस मंत्र का ग्यारह सौ बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है- या देवी सर्वभूतेशु विद्यारूपेण संस्तिथा नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः’। इसके बाद बच्चे के हाथ से स्पर्श कराकर किसी पेड़ की जड़ में रखे या चिड़िया को खिलाएं।