चंडीगढ़ , 10 अक्टूबर (प्रेस की ताकत ब्यूरो) – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में पराली जलाने की रोकथाम के प्रयासों का मूल्यांकन कर उन्हें बढ़ाया जाना चाहिए । इन गंभीर मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के उपायों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बेहतर कार्रवाई की जानी चाहिए ।
मुख्य सचिव आज यहां पराली जलाने पर प्रतिबंध के संबंध में राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे ।
श्री कौशल ने पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए बेहतर रणनीति तैयार करने और इसे प्रभावित क्षेत्र में लागू करने के लिए कृषि और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए । यह बैठक पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति रणनीति बनाने एवं समन्वय सुनिश्चित करने में सहायक हो ।
श्री कौशल ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं से निपटने के लिए इन मामलों में शामिल अधिकारियों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए । वायु प्रदूषण में योगदान देने वाले लोगों को दंडित करना आवश्यक है ।
उन्होंने जमीनी स्तर पर पराली जलाने की स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए सभी मंडल मजिस्ट्रेटों के साथ नियमित समीक्षा पर जोर दिया । इस तरह नियमित समीक्षा करने से पराली जलाने से जुड़ी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी .
श्री कौशल ने कहा कि उपायुक्त अपने गांवों के सरपंचों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाये रखें . इस कार्य में सरपंच अहम भूमिका निभा सकते हैं । ऐसा सामूहिक प्रयास लोगों को वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट में उनके योगदान के लिए जिम्मेदार ठहराएगा ।
श्री कौशल ने कहा कि पराली जलाने से वायु की गुणवत्ता और जन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर अंकुश लगाया जाये जिसे निपटाने के लिए हरियाणा सरकार प्रतिबद्ध है इस महत्वपूर्ण विषय के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी नागरिकों का व्यापक स्तर पर सहयोग आवश्यक है ।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण एवं वन विनीत गर्ग एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।