चंडीगढ़, 10 सितम्बर (प्रेस की ताकत बयूरो)- पंजाब राज सफ़ाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन श्री गेजा राम वाल्मीकि ने पटियाला के सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में काम करते सफ़ाई कर्मचारी को पेश आती समस्याओं का समाधान करवाते हुये सम्बन्धित कंपनी को सफ़ाई कर्मचारियों को डी.सी. रेट के मुताबिक वेतन और बनता बकाया देने, ई.पी.एफ की रकम उनके खातों में जमा करने और वर्दियां मुहैया कराने के लिए पाबंद किया है और कंपनी को समूह सहूलतें देने के उपरांत रिपोर्ट आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं।
आयोग के मोहाली स्थित कार्यालय में सफ़ाई कर्मचारी यूनियन और ठेकेदार कंपनी साईंटिफिक सिक्यूरिटी मैनेजमेंट सर्विस प्राईवेट लिमटिड के प्रतिनिधियों की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये श्री वाल्मीकि ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डाल कर काम करते सफ़ाई कर्मचारी के साथ अन्याय बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
सफ़ाई कर्मचारी यूनियन की तरफ से प्रधान श्री राम कृष्ण और श्री अजय कुमार सिप्पा, श्री राजेश कुमार, श्री अरुण कुमार, श्री प्रदीप कुमार और श्री अमन ने राजिन्द्रा अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेज में सफ़ाई कर्मचारी की सेवाओं में कमियां जैसे कंपनी द्वारा दिया जाती कम वेतन, वर्दियाँ न देने आदि संबंधी मसले उठाये। उन्होंने बताया कि राजिन्द्रा अस्पताल /सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला में 28 अगस्त, 2021 को कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करके यह मसले उठाये गए थे परन्तु कोई समाधान नहीं निकला।
चेयरमैन ने तत्काल कार्यवाही करते हुये राजिन्द्रा अस्पताल में सफ़ाई कर्मचारियों की सप्लाई से सम्बन्धित ठेकेदार कंपनी के डायरैक्टर श्री प्रदीप गर्ग, श्री संजय मौंगा और रीजनल मैनेजर श्री प्रदीप शर्मा को तुरंत मुलाज़िमों की माँगें मानने के लिए कहा। श्री गेजा राम ने बताया कि दोनों पक्षों के दरमियान हुए समझौते के मुताबिक साईंटिफिक सिक्यूरिटी मैनेजमेंट सर्विस प्राईवेट लिमटिड कंपनी द्वारा राजिन्द्रा अस्पताल पटियाला, गुरू नानक देव अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर और दूसरे ऐसे शहरों, जहाँ कंपनी सफ़ाई कर्मचारियों की सप्लाई करती है, में सभी सफ़ाई कर्मचारियों को मौजूदा डी.सी. रेट के मुताबिक वेतन देना यकीनी बनाऐगी। इसके इलावा कंपनी द्वारा 1 अप्रैल, 2021 से सफ़ाई कर्मचारियों को वेतनों का बनता बकाया दिया जायेगा और ई.पी.एफ़. की रकम उनके खातों में जमा करवाई जायेगी। कंपनी हर महीने की 7 तारीख़ को वेतन देने के लिए पाबंद होगी और हर सफ़ाई कर्मचारी को वर्दियों के दो सैट, बुट और दस्ताने मुहैया करवाएगी।
इसके साथ ही चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि सफ़ाई कर्मचारी भी वर्दी को पहनने के पाबंद होंगे। वर्दी न पहनने की सूरत में कर्मचारियों को इस सुविधा से वंचित कर दिया जायेगा। इसी तरह अगर कोई सफ़ाई कर्मचारी बिना मंजूरी के ड्यूटी से लगातार 15 दिन अनुपस्थित रहता है तो कंपनी द्वारा ऐसे कर्मचारी को बिना बताए या बिना नोटिस निकाले उसकी जगह दूसरे कर्मचारी की भर्ती कर सकती है। उन्होंने कहा कि सफ़ाई कर्मचारी कंपनी की तरफ से नाजायज परेशान करने सम्बन्धी शिकायत सीधे तौर पर आयोग के पास कर सकेंगे। इसके इलावा कंपनी 270 नर्सों को भी दो-दो वर्दियाँ देने, हर सफ़ाई कर्मचारी और नर्सों की सेवाओं से सम्बन्धित रिकार्ड, बैंक खाते, उनको मिलने वाला ई.पी.एफ. का रिकार्ड देने और लैब अटेंडेंट /पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए दो-दो ओवर कोट देने के लिए पाबंद होगी।
उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से दी जाने वाली वर्दियाँ, बुट और दस्ताने खरीदने के लिए कमेटी बनाई गई है जिसके इंचार्ज आयोग के वाइस चेयरमैन श्री राम सिंह सरदूलगढ़ होंगे जबकि कंपनी के रीजनल मैनेजर श्री प्रदीप कुमार शर्मा और यूनियन के प्रधान श्री राम कृष्ण, श्री अजय कुमार सिप्पा सहयोगी मैंबर होंगे।