Web Desk-Harsimran
चंडीगढ़, 9 नवंबर (प्रेस की ताकत ब्यूरो)- कृषि विभाग ने आज अधिकारियों की एक विशेष टीम का गठन किया है जो दिल्ली में रह कर भारत सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाऐगी जिससे पंजाब में डीएपी की उपलब्धता सम्बन्धी माँग को उचित ढंग से पूरा किया जा सके। यह प्रगटावा करते हुये कृषि मंत्री स. रणदीप सिंह नाभा ने आज बताया कि विभाग के अधिकारियों की टीम भारत सरकार की तरफ से नयी दिल्ली में बनाऐ गए कंट्रोल रूम में बैठ कर पंजाब के लिए रैक अलाटमैंट की निगरानी करेगी। इससे डीएपी की बकाया पड़ी माँग को पूरा करने के मद्देनज़र केंद्र से अधिक शेयर अलाटमैंट की माँग करने में मदद मिलेगी।
नाभा ने आज समूह मुख्य कृषि अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा राज्य में डी.ए.पी की उपलब्धता के बारे समीक्षा मीटिंग की। उन्होंने अलग-अलग जिलों में उपलब्ध डीएपी स्टाकों की वास्तविक स्थिति का नोटिस लिया। डीएपी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बहुत अधिक हैं और अपेक्षित मात्रा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध नहीं है। उन्होंने जिलों के सभी मुख्य कृषि अधिकारियों को कहा कि वह यह यकीनी बनाएं कि रिटेलरों, सहकारी सभाओं और यहाँ तक कि व्यक्तिगत किसान भी ग़ैर -ज़रूरी तौर पर डीएपी का ग़ैर-कानूनी भंडारण न करें, जिससे राज्य के किसानों में घबराहट और बेचैनी का माहौल पैदा होने का डर है। उन्होंने अधिकारियों को डी.ए.पी की जमाखोरी या कालाबाजारी को रोकने के लिए सख्ती से चैकिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने फील्ड में तैनात अधिकारियों को भी हिदायत की कि इस सम्बन्धी कोताही करने वालों के खि़लाफ़ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाये। उन्होंने किसानों और सभाओं को डी.ए.पी की बिक्री का सही रिकार्ड रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिससे कोई भी नाजायज लाभ ना दिया जा सके। उन्होंने फील्ड अफसरों को यह भी भरोसा दिया कि डी.ए.पी की कमी 15 नवंबर तक पूरी कर दी जायेगी। नाभा ने अधिकारियों को ऐसे उपाय करने के लिए भी कहा जिससे किसानों का भरोसा बना रहे और वे घबराहट नहीं।
नाभा ने अधिकारियों को आगे बताया कि भारत सरकार से 09.11.2021 से 14.11.2021 तक अलग-अलग डी.ए.पी. सप्लायर कंपनियों के 42 डी.ए.पी रेकों की माँग की गई है। इसके इलावा, 16.11.2021 से 30.11.2021 तक 35 रैक प्लेसमेंट की योजना सरकार को भेज दी गई है। गौरतलब है कि 08.11.2021 तक, 15 रैक (40724 एमटी) प्राप्त हुए हैं और 9 रैक (25578 एमटी) यातायात अधीन हैं और 12.11.2021 तक उपलब्ध होने की आशा है। इसके अलावा अलग-अलग कंपनियों की तरफ से 15 रैक (41624 मीट्रिक टन) का इंडेंट लगाया गया है।
अधिकारियों को जानकारी देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास), श्री डी.के. तिवाड़ी ने अधिकारी को फास्फेटिक ज़रूरत को पूरा करने के लिए डीएपी की जगह एनपीके और एसएसपी जैसी वैकल्पिक फास्फेटिक खादों का प्रयोग करने के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए कहा। राज्य के विभिन्न जिलों में लगभग 0.31 एन.पी.के. और 0.55 एसएसपी उपलब्ध है।