छिंदवाड़ा(सुशील सिंह परिहार)- निरंजनी अखाड़ा के स्वामी बाल योगेश्वर जी की अध्यक्षता में , हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा, धर्म रक्षक श्री दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन के नेतृत्व में हिंदू संगठनों ने जोधपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया गया कि संत शिरोमणि आशाराम जी बापूकी शीघ्र रिहाई के लिए हनुमान चालीसा पाठ किया अब यह आयोजन राष्ट्रव्यापी स्तर पर किया जाएगा। भगवान श्री राम और श्री कृष्णा भी गुरुओं की सेवा करते थे सत्संग का आयोजन करते थे। रामराज्य की कल्पना तभी साकार हो सकती है जब संत आशारामजी बापू जैसे संतों का सम्मान सुरक्षित है। सब कुछ सुरक्षित है यदि संत सुरक्षित है यदि संत सुरक्षित नहीं है तो कुछ भी सुरक्षित नहीं है। जिन विकसित देशों में सत्संग नहीं है वहाँ भारत के अपेक्षा हजार गुना अपराध है। संत आशारामजी बापू के स्वास्थ्य को देखते हुए बापूजी की जमानत और शिघ्र रिहाई की माँग की गई। संत आशाराम जी बापू के मामले में न्याय की समानता के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। जेल और पुलिस सुरक्षा में बापूजी को दो बार मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया गया था । स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा में अन्याय या लापरवाही करने वालों को हिंदू संगठन बर्दाश्त नहीं करेंगे उनको जेल की सलाखों के पीछे पहुचाएंगे। ज्ञापन में षड़यंत्रकारियो के सबूत भी दिए गए जिनको जेल की सलाखों के पीछे डालने की मांग की गई। अनेक ज्ञापन संलग्न किए गए जिसमें अनेक हिंदू संतो को सर्वोच्च न्यायालय से गिरफ्तारी से बचाया गया और छुड़ाया गया। देशद्रोही हिंदू विरोधी आतंकवादी ,धर्मांतरण करने वाली शक्तियों के अमानवीय कारनामों से सावधान करते हुए न्यायधीशो को अपने कर्तव्य का पालन करने का आग्रह किया गया। न्यायाधीश स्वयं संज्ञान लेकर भी कार्य कर सकते हैं। बड़े बड़े भ्रष्ट नेता, बड़े बड़े आतंकवादी ,नक्सलवादी, माओवादी ,अपराधी बाहर घूम रहे हैं। उड़ीसा के स्वामी लक्ष्मनानंद के हत्यारे बाहर घूम रहे हैं। डांग गुजरात में पालघर में क्रिश्चियन बाहुल जनसंख्या है वहां से कोई भगवा वस्त्रधारी जीवित बचकर नहीं जा सकता है। न्यायाधीशों की नियुक्ति मनमाने कॉलेजियम सिस्टम से न होकर संविधान के अनुसार की जाए जिससे नागरिकों को शिघ्र न्याय मिल सके। 12 वर्षों से संत आशारामजी बापू को जमानत नहीं दी गई जो उनका अधिकार है। ऐसा अन्याय पूरे भारत मे देखने को नही मिला जिनके करोड़ो अनुयायी है, जिन्होंने सबसे अधिक मानवता की सेवा की है उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल जी ने संत आशारामजी बापू के मंच पर कहा था दामिनी बलात्कार मुद्दा बनाकर सरकार ऐसा कानून बना रही है जिसका आसानी से दुरुपयोग करके हिंदू संतो को फसाया जा सके। उन्होंने मंच पर कहा था कि संत आशारामजी बापू को फसाने के लिए कुछ लड़कीयां तैयार की गई है। बलात्कार के मामले में संविधान की मूल धारा 376 के अनुसार बिना साक्ष्य सबूत के गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। पोक्सो कानून में भी मूल धारा की अनदेखी नहीं की जा सकती। कानून सबके लिए समान है तो पोक्सो के कई अपराधी जेल से बाहर कैसे है ? पोक्सो मुकदमे में दीपक चौरसिया पत्रकार उसके साथी 12 वर्षो से जेल के बाहर क्यों है? क्रिश्चियन मुलक्कल पादरी जेल से बाहर कैसे हैं? बलात्कार से पीड़ित नने धरने दे रही है। शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती,द्वारका के स्वामी केशवानंद, दाती महाराज स्वामी नित्यानंद, निर्दोष बरी हुए इनकी भरपाई कौन करेगा? संत आशाराम जी बापू के चरित्र हनन के मामले में लड़की की मेडिकल रिपोर्ट में लड़की कुंवारी पाई गई है। लेकिन संत आशारामजी बापू को पूरी दुनिया में बलात्कारी कहकर बदनाम किया जा रहा है। सनातन हिंदू धर्म को निशाना बनाया जा रहा है। क्रिश्चियन पंथ गुरु पोप 230 शारीरिक मानसिक अपंग बच्चों से 20 वर्ष तक यौन शोषण करने के मामले में दोषी पाए गए। भारत में चर्च सबसे बड़ा जमींदार बन गया है ।धर्मांतरण करने वाली शक्तियों के एजेंटो द्वारा हिंदू संतो को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है जिससे गुरुकुल शिक्षा पद्धति और सनातन धर्म को समाप्त किया जा सके। संत आशाराम जी बापू निर्दोष है उनको शीघ्र रिहा किया जाए। हिंदू जनता को न्याय प्रदान किया जाए। ज्ञापन देने सनातन धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मानिक देशमुख, के साथ अनेक हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि और अनेक गौ रक्षक और हिंदू साधू संत सम्मिलित हुए।