भारी बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन की भयंकर चपेट में आए हिमाचल प्रदेश में अभी खौफ बरकरार है। मौसम विभाग के मुताबिक 21 अगस्त से मानसून फिर रफ्तार पकड़ सकता है। मौसम की मार के कारण बृहस्पतिवार को सभी शिक्षण संस्थान बन्द रहे क्योंकि ज्यादातर सड़कें भूस्खलन की चपेट में हैं। बतया गया कि अब तक दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 650 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं। इसके अलावा 1135 ट्रांसफार्मर और 285 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। उधर, बिलासपुर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने राष्ट्रीय राजमार्ग का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि अभी इस सड़क को केवल छोटी गाड़ियों की ही आवाजाही के लिए खोला गया है। साथ ही प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि मानसून सीजन में नुकसान 7,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
उधर, प्रदेश की राजधानी शिमला के समरहिल इलाके के शिव बावड़ी में भूस्खलन की घटना में बृहस्पतिवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के गणित विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर पीएल शर्मा का शव मिला। इस तरह हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। चंबा में 2 और मौतों के बाद मौजूदा आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 74 पर पहुंच गया है। प्रदेश में जान गंवाने वालों की संख्या 330 तक पहुंच गयी है, जबकि 38 लोग लापता हैं। शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि भूस्खलन की तीन घटनाओं- समरहिल, फागली और कृष्णा नगर में मरने वालों की संख्या 21 तक पहुंच गई है। गौरतलब है कि 14 अगस्त को सावन के अंतिम सोमवार को भूस्खलन के समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ थी।
बाढ़ अपडेट के लिए ‘फ्लडवॉच’ एप लॉन्च, हिमाचल शामिल नहीं
नयी दिल्ली (एजेंसी) : केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पर ‘रियल टाइम’ जानकारी प्रदान करने के लिये एक एप लॉन्च किया। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष कुशविंदर वोहरा ने कहा कि ‘फ्लडवॉच’ एप 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘रियल टाइम’ में बाढ़ से जुड़े अपडेट भेजने के लिये 338 स्टेशनों से आंकड़े इकट्ठा करेगा। इसमें सात दिनों तक का पूर्वानुमान प्रदान किया जाएगा। बाढ़ प्रभावित हिमाचल प्रदेश इस एप से नहीं जुड़ा है। इसकी सेवाएं छह महीने के भीतर राज्य में उपलब्ध होंगी।
देहरादून में 10 मकान जमींदोज
देहरादून (एजेंसी) : देहरादून की विकासनगर तहसील के बिन्हार क्षेत्र के जाखन गांव में भूस्खलन में 10 मकान जमींदोज हो गये जबकि एक दर्जन अन्य में दरारें आ गयीं। यहां के 100 से 120 निवासियों को अन्यत्र स्थानांतरित करना पड़ा है। विकासनगर के तहसीलदार प्रेम सिंह ने कहा कि भूस्खलन से पूरा गांव खतरे की जद में आ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों से गांव से करीब 100 मीटर की दूरी पर पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा था। चिंताजनक बात यह रही कि भूस्खलन से ब्यासी बिजलीघर की दो इवेकुएशन लाइंस भी टूट गयी। उधर, ऋषिकेश के निकट स्थित रामझूला पुल पर बृहस्पतिवार को दोपहिया वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया। यह गंगा नदी पर ब्रिटिश युग में बने लक्ष्मणझूला पुल के समानांतर स्थित है। यह केवल पैदल यात्रियों के लिए बनाया गया है, लेकिन इस पर दोपहिया वाहन भी चलते हैं।