पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस महानिदेशक को जेलों से कथित तस्करी से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम के तहत सभी मामलों की जांच के लिए एक “बहुत वरिष्ठ अधिकारी” नियुक्त करने के निर्देश के बाद, न्यायालय को सूचित किया गया कि इन मामलों की समीक्षा के लिए रेंज और कमिश्नरेट दोनों स्तरों पर समितियां स्थापित की गई हैं। न्यायमूर्ति एनएस शेखावत की पीठ को सौंपे गए डीजीपी के 16 मई के दस्तावेज के अनुसार, रेंज स्तर पर समितियों की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक या उप महानिरीक्षक करेंगे, जबकि कमिश्नरेट स्तर पर समितियों का नेतृत्व पुलिस आयुक्त करेंगे। इसके अतिरिक्त, आईपीएस अधिकारी और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नीलाभ किशोर को इन पैनलों की फाइलों की जांच की देखरेख का काम सौंपा गया है। न्यायमूर्ति शेखावत ने पहले अमृतसर (ग्रामीण) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) की आलोचना की थी, जिन्होंने अमृतसर सेंट्रल जेल से तस्करी के संचालन में मदद करने के संदिग्ध जेल अधिकारियों से पूछताछ में “बहुत ही लापरवाह रवैया” अपनाया था। एसएसपी को जांच का पूरा रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए गए हैं। यह फटकार तीन संबंधित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान लगाई गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी सेंट्रल जेल में बंद रहने के दौरान तस्करी की गतिविधियों में लिप्त थे।