चंडीगढ़, 27 सितंबर 2024 (प्रेस की ताकत ब्यूरो)
पंजाब में पार्टी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने हरियाणा में आसन्न विधानसभा चुनाव और पंजाब में पंचायत चुनाव की पृष्ठभूमि में अपना इस्तीफा दे दिया है। हालांकि जाखड़ ने अभी तक अपने इस्तीफे की सार्वजनिक रूप से पुष्टि नहीं की है, लेकिन उनसे जुड़े कई सूत्रों और राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के संगठनात्मक ढांचे ने ट्रिब्यून को उनके फैसले की जानकारी दी है। हालांकि, पार्टी ने इन दावों को महज अफवाह करार दिया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि जाखड़ ने जालंधर उपचुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा देने की अपनी मंशा से अवगत कराया था, हालांकि उनका इस्तीफा औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है। खास बात यह है कि जाखड़ ने इस मामले में कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी करने से परहेज किया है। यह देखा गया है कि आगामी चुनावों की रणनीति बनाने के लिए राज्य इकाई द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने भाग नहीं लिया और जब पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने उनकी अनुपस्थिति के बारे में उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अब राज्य अध्यक्ष की हैसियत से बैठकों में शामिल नहीं होंगे। हाल के दिनों में, जाखड़ ने कथित तौर पर खुद को पार्टी से दूर करना शुरू कर दिया है, जिसमें कई वरिष्ठ नेताओं के साथ मतभेद के संकेत हैं। अपने राजनीतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कांग्रेस के साथ बिताने के बाद, जहां उनका परिवार तीन पीढ़ियों से जुड़ा हुआ है, जाखड़ मई 2022 में भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने पर, उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के बजाय राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उनके इस्तीफे के बारे में उड़ रही अफवाहों के जवाब में, भाजपा की पंजाब इकाई ने दावा किया कि जाखड़ राज्य में पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखेंगे, और अटकलों को पूरी तरह से निराधार करार दिया। हालाँकि, अब 70 वर्षीय जाखड़ ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सहयोगी संजीव त्रिखा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके पद से हटने के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। इसके अलावा, राज्य भाजपा महासचिव अनिल सरीन ने अफवाहों को ‘बिल्कुल निराधार’ और ‘झूठा’ बताया है।