नवनिर्वाचित महापौर राज रानी मल्होत्रा के पति की उनके सलाहकार के रूप में विवादास्पद नियुक्ति के संबंध में जनता में व्याप्त आक्रोश के मद्देनजर, गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने अपने हालिया आदेश को रद्द कर दिया है। भाजपा से संबद्ध महापौर मल्होत्रा को अपने पति तिलक राज मल्होत्रा, जो पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष हैं, को यह आधिकारिक पद सौंपने पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। आलोचकों, विशेषकर कांग्रेस पार्टी ने इस निर्णय की निंदा करते हुए इसे महिला प्रतिनिधित्व के सिद्धांतों के लिए हानिकारक बताया तथा इस पर छद्म शासन की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। अपने अभियान के दौरान, राज रानी की अक्सर यह कहकर आलोचना की जाती थी कि उनके पास स्पष्ट आवाज नहीं है और उन्हें महज नाममात्र का नेता समझा जाता है, जिससे उनकी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से पूरा करने की क्षमता पर सवाल उठते थे। नियुक्ति को लेकर विवाद इतना गंभीर था कि निर्धारित सदन की बैठक को रद्द करना पड़ा, जिससे स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य में तनाव उजागर हुआ। स्थानीय कांग्रेस नेता पंकज डावर ने नियुक्ति वापस लेने के एमसीजी के निर्णय पर राहत व्यक्त की, तथा इस बात पर बल दिया कि भाजपा के कार्य महिला सशक्तिकरण के उनके दावों के विपरीत हैं, तथा इसके स्थान पर एक ऐसी व्यवस्था को कायम रखा है, जहां नेतृत्व में एक महिला अपने पति के प्रभाव से प्रभावित होती है।