चंडीगढ़, 1 मई
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों की शुद्धता को बेहतर बनाने और नागरिकों के लिए वोटिंग प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से नई पहलकदमियां शुरू की गई हैं। ये पहलकदमियाँ भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा इस साल मार्च में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और डॉ. विवेक जोशी की मौजूदगी में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सी.ई.ओ.) की कॉन्फ्रेंस के दौरान विचार किए गए प्रयासों के अनुसार हैं।
आयोग द्वारा अब रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स, 1960 के नियम 9 और जन्म और मौत रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1969 (2023 में किये गये संशोधन के अनुसार) की धारा 3(5)(बी) के तहत, भारत के रजिस्ट्रार जनरल से इलेक्ट्रॉनिक रूप से मौत रजिस्ट्रेशन संबंधी डाटा प्राप्त किया जाएगा। इससे चुनाव रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ई.आर.ओ) रजिस्ट्रेड मौतों के बारे में समय पर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और बूथ लेवल ऑफिसर (बी.एल.ओ) फार्म 7 के तहत औपचारिक आवेदन की प्रतीक्षा किए बिना फील्ड विजिट के माध्यम से जानकारी की पुनः सत्यापित करने में सक्षम हो जाएंगे।
मतदाता सूचना स्लिप (वी.आई.एस.) को और अधिक मतदाता-अनुकूल बनाने के लिए आयोग ने इसके डिजाइन में संशोधन करने का निर्णय लिया है। मतदाता का सीरियल नंबर और भाग नंबर अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा और अक्षरों के आकार में वृद्धि की जाएगी, जिससे मतदाता आसानी से अपने पोलिंग स्टेशन की पहचान कर सकें और पोलिंग अधिकारी मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम कुशलता से ढूंढ सकें।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत ई.आर.ओज़. द्वारा नियुक्त किए गए सभी बी.एल.ओ. को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिक वोटर प्रमाणीकरण और रजिस्ट्रेशन मुहिम के दौरान बी.एल.ओज़. की पहचान कर सकें और उनके साथ विश्वास के साथ बातचीत कर सकें। चुनाव से संबंधित ड्यूटियों का निर्वहन करते समय मतदाताओं और चुनाव आयोग के बीच पहले प्रतिनिधि/इंटरफेस के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर दौरे करते समय लोगों द्वारा बी.एल.ओज़. की आसानी से पहचान की जा सके।