चंडीगढ़, 1 मई:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को उसके नदी के पानी के अधिकार से वंचित रखने की कोशिश को कड़ी निंदा करते हुए पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि यह कदम लोकतंत्र और संघीय ढांचे की मूल भावनाओं के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि पानी पंजाब की जीवन रेखा है और इस धरती की रीढ़ उसके मेहनती किसानों और मजदूरों की दिन-रात की मेहनत है, जो पूरी तरह से कृषि और पानी पर निर्भर करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर डॉ. बलजीत कौर ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के हिस्से का पानी अन्य राज्यों को देने की कोशिश की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह पंजाब की पीठ में छुरा घोंपने के बराबर है।
उन्होंने कहा, “यह कोई पहली बार नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया गया हो। मोदी सरकार लगातार पंजाब विरोधी नीति अपना रही है और हमारे राज्य के जायज अधिकारों और भावनाओं की अनदेखी कर रही है।”
डॉ. बलजीत कौर ने जोर देते हुए कहा कि पंजाब, जो कि कृषि प्रधान राज्य है, अपनी मिट्टी के पानी में से एक बूंद भी किसी को नहीं दे सकता। पंजाब का किसान और मजदूर हमेशा अपने अधिकारों के लिए लड़ते आए हैं और भविष्य में भी किसी भी हालत में यह जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला केवल पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरे देश के अन्नदाताओं और मजदूर वर्ग पर सीधा हमला है। “हम केंद्र सरकार की इस विश्वासघाती नीति का डटकर विरोध करेंगे और पंजाब के पानी और अधिकारों की लड़ाई हर मंच पर पूरी बहादुरी और जज्बे के साथ लड़ते रहेंगे,” उन्होंने कहा।