कहीं नई जगह जाने की चाह इंसान को ऐसी अनोखी जगहों और लोगों के पास ले जाती है, जिनके बारे में पहले कुछ नहीं पता होता। ऐसी जगह पर पहुंचने के लिए उत्साहित होकर, मैंने फतेहाबाद जिले (हरियाणा) के एक कस्बे टोहाना में एक मानवतावादी मिशन से संपर्क किया, जहां लगभग एक साल पहले स्थापित कर्नल भीम सिंह फाउंडेशन मानवता की सेवा में लगी हुई है।
हिसार रोड, न्यू बाईपास, टोहाना पर फाउंडेशन के मुख्यालय में कदम रखते ही मुझे माहौल काफी शांतिपूर्ण लगा और मिशन के संस्थापक विक्रम भीम सिंह टोहाना एक असाधारण व्यक्ति प्रतीत हुए। बहुत ही शांत माहौल में बात करते हुए, मुझे पता चला कि विक्रम भीम सिंह ने फाउंडेशन का नाम अपने पिता स्वर्गीय कर्नल भीम सिंह के नाम पर रखा है, जो 12 कुमाऊं रेजिमेंट से थे जिन्होंने दो दशकों तक देश की सेवा की और 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी भाग लिया।
बातचीत के दौरान मुझे पता चला कि इस फाउंडेशन के औपचारिक रूप से अस्तित्व में आने से पहले भी, संगठन ने कोविड-19 महामारी काल के दौरान समाज की सेवा की और पीड़ितों की हर संभव मदद की। इसके बाद विक्रम भीम सिंह के मन में विधिवत रूप से फाउंडेशन स्थापित करने का विचार आया और इसके अनूठे परिणाम हम सभी के सामने हैं।
विक्रम ग्रीनलैंड्स स्टड फार्म के मालिक विक्रम भीम सिंह, मेयो कॉलेज, अजमेर के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (दिल्ली विश्वविद्यालय) से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
कुछ देर की बातचीत के बाद मुझे यकीन हो गया कि मेरे सामने एक विलक्ष्ण व्यक्तित्व के धनी मौजूद हैं जिन्होंने टोहाना (टोहाना विधानसभा क्षेत्र) के आसपास के 100 गांवों में सामाजिक बुराइयों और सभी प्रकार के नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया है।
‘स्वास्थ्य ही वास्तविक धन है’ के सिद्धांत पर चलते हुए, विक्रम भीम सिंह ने स्कूलों और गांवों में मुफ्त नेत्र जांच शिविर भी आयोजित किए हैं और जरूरतमंदों को चश्मे भी वितरित किए हैं।
मुझे सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात पर हुआ कि विक्रम भीम सिंह ने अपने एन.जी.ओ. के लिए किसी से एक पैसा भी दान में नहीं लिया है और न ही कोई आर्थिक सहायता ली है। वे लोक कल्याण से जुड़े कार्यों के लिए अपने संसाधनों से ही खर्च कर रहे हैं।
अगर मुझे लगता है कि मैंने ऊपर इसका शानदार वर्णन किया है तो शायद मैं गलत हूं क्योंकि अभी और भी बहुत कुछ बाकी है।
भगवान की कृपा से, विक्रम भीम सिंह ने अपने संसाधनों से नींवपत्थर के निकट ही गुरुद्वारा साहिब का निर्माण करवाया है, जो 50 किमी के दायरे में सबसे बड़ा गुरुद्वारा साहिब है। इसका निर्माण कार्य अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था। लगभग 45,000 वर्ग फुट (5,000 वर्ग गज) में निर्मित, गुरुद्वारा साहिब में एक पुस्तकालय और लंगर हॉल भी होगा।
इस तरह विक्रम भीम सिंह ने देश और खासकर सिख समुदाय में एक अनोखी मिसाल कायम की है और हां… ऐसे अनोखे लोग दुनिया में मौजूद हैं।
रावी पंधेर
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