चंडीगढ़, 1 मई
पंजाब के श्रम मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने मई दिवस पर सभी श्रमिकों को बधाई दी है। स्थानीय पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार ने श्रमिकों की भलाई और जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कई पहलों की शुरुआत की है और कई भलाई योजनाएं चलायी जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड द्वारा 41 हजार से अधिक पंजीकृत श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 90 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। इसमें सबसे अधिक 45 करोड़ रुपये निर्माण मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा वजीफा, एक्स-ग्रेशिया के तहत 28 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य बीमा और सर्जरी के लिए 11 करोड़ रुपये और बालड़ी तोहफा स्कीम के तहत 85 लाख रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है। इसी तरह श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा इस समय के दौरान 6,737 लाभार्थियों को 17.15 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि लेबर कार्ड और स्कीमों से संबंधित श्रमिकों के लंबित 80 हजार आवदेनों का जनवरी से अप्रैल तक के 4 महीनों में निपटारा कर दिया गया है। पहले यह गिनती 1 लाख 10 हजार थी जो कि अब सिर्फ 30,000 रह गई है।
इससे अतिरिक्त मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत 1 लाख 30 हजार निर्माण मजदूरों और उनके परिवारों को कवर किया गया है। इस योजना के तहत प्रति परिवार गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलता है। जिसमें दिल की देखभाल, कैंसर का उपचार, न्यूरो सर्जरी, ऑर्थाेपेडिक (हड्डियां) सर्जरी और डायलिसिस एवं गुर्दे की देखभाल शामिल है।
सौंद ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 287 करोड़ रुपये लेबर सेस के रूप में इकट्ठा किए गए हैं। चार वर्षों में यह राशि सबसे अधिक है। 2021-22 में 203.94 करोड़ रुपये, 2022-23 में 208.92 करोड़ रुपये और 2023-24 में 180 करोड़ रुपये श्रमिक सेस इकट्ठा किया गया था।
सौंद ने बताया कि श्रमिकों को दी जाने वाली कई भलाई योजनाओं का मौजूदा सरकार के दौरान सरलीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब निर्माण श्रमिक भलाई बोर्ड की शगुन स्कीम में पहले पंजीकृत मैरिज सर्टिफिकेट तहसीलदार से लेना अनिवार्य था, जो अब समाप्त कर दिया गया है। इसकी जगह अब केवल धार्मिक संस्थानों जहां शादी की रस्म हुई हो, का सर्टिफिकेट और दोनों परिवारों के माता-पिता द्वारा स्वै-तस्दीक आवेदन आवश्यक है। इस योजना के तहत 51,000 रुपये दिए जाते हैं। इसी तरह महिला निर्माण मजदूरों को 21,000 रुपये और पुरुष निर्माण मजदूरों को 5,000 रुपये प्रस्तूति लाभ के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लाभ लेने के लिए अब केवल बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र देना अनिवार्य किया गया है। जबकि पहले बालक का आधार कार्ड देना पड़ता था।
श्रम मंत्री ने बताया कि लेबर वैल्फेयर बोर्ड में भी विवाह प्रमाणपत्र की शर्त समाप्त कर दी गई है और केवल धार्मिक संस्था जहां विवाह की रस्म हुई हो, का सर्टिफिकेट और फ़ोटोग्राफ के साथ इस योजना का लाभ लिया जा सकता है। इस योजना के तहत 31,000 रुपये का लाभ दिया जाता है। लेबर वैल्फेयर बोर्ड द्वारा दी जाने वाली प्रसूति योजना का लाभ लेने के लिए पहले बच्चे के जन्म से तीन महीने पहले और तीन महीने बाद के समय में आवेदन करना होता था। लेकिन अब आवेदन करने का समय बच्चे के जन्म के बाद के छह महीने कर दिया गया है।
सौंद ने बताया कि जिन मनरेगा वर्करों ने 90 दिनों से अधिक काम किया है, उन्हें बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन बोर्ड के साथ पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि वे बोर्ड के तहत दिये जाने वाले सभी लाभ प्राप्त कर सकें। इसके अलावा फॉर्म नंबर 27 जो कि श्रमिक द्वारा पंजीकरण के दौरान देना होता है, को और सरल कर दिया गया है ताकि आम श्रमिक भी इसे पंजाबी या हिंदी में भर सके।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली वजीफा स्कीम के लिए भी शर्तें आसान कर दी गई हैं। श्रमिकों के बच्चों को वजीफा प्राप्त करने के लिए पहले किसी भी श्रमिक का कम से कम दो साल से लेबर वैल्फेयर बोर्ड के साथ पंजीकरण होना अनिवार्य था लेकिन अब यह शर्त समाप्त कर दी गई है। अब कोई भी श्रमिक जो लेबर वैल्फेयर बोर्ड के साथ पंजीकरण करता है, वह अपने बच्चों के वजीफे के लिए आवेदन कर सकता है और वजीफा प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने भलाई योजनाओं का प्रोसेसिंग समय भी घटा दिया है। पहले सभी योजनाएं एस.डी.एम. की कमेटी और डिप्टी कमिश्नर से मंजूर होती थीं। अब सिर्फ तीन योजनाएं एक्स-ग्रेशिया, बालड़ी और शगुन योजनाओं के अलावा बाकी सभी योजनाओं में एस.डी.एम. कमेटी और डिप्टी कमिश्नर की मंजूरी हटा दी गई है। पहले मंजूरियों के 9 स्तर थे जो अब सिर्फ 7 रह गए हैं। इससे लाभार्थियों को मिलने वाली राशि 6 महीनों से घटकर सिर्फ एक महीने हो जाएगी।
तरुनप्रीत सिंह सौंद ने पंजाब के सभी श्रमिकों से, जो मजदूरी या अन्य निर्माण कार्य करते हैं और जिन्होंने एक साल में 90 दिनों से अधिक काम किया है, अपील की है कि वे खुद को बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन बोर्ड के साथ रजिस्ट्र कराएं ताकि वे इसके तहत मिलने वाले लाभ प्राप्त कर सकें। यह पंजीकरण सेवा केंद्र में जाकर या गूगल प्ले स्टोर पर ‘किरती सहायक ऐप’ पर जाकर किया जा सकता है।
उन्होंने पंजाब के सभी उद्योगपतियों से भी अपील की है कि वे अपने वर्करों को लेबर वैल्फेयर बोर्ड के साथ पंजीकरण कराएं और उन्हें मिलने वाली भलाई योजनाओं के लिए आवेदन करवाएं।